प्री-मैच्योर नवजात जिनके रेटिना डेवलप नहीं अब उनका भी होगा राजधानी में इलाज

प्री-मैच्योर नवजात जिनके रेटिना डेवलप नहीं अब उनका भी होगा राजधानी में इलाज

प्री-मैच्योर नवजात जिनके रेटिना डेवलप नहीं अब उनका भी होगा राजधानी में इलाज
Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 pm IST
Published Date: November 17, 2019 11:58 am IST

रायपुर। ऐसे नवजात जिनके रेटिना डेवलप नहीं है, रायपुर में अब उनका भी इलाज संभव है, रायपुर के एमजीएम आई हॉस्पिटल में डॉक्टरों की एक टीम पिछले 3 साल में 4 हजार परीक्षण कर 250 बच्चों का सफल लेजर कर चुके हैं। आज रविवार को MGM परिसर में ऐसे ही 40 बच्चों का गेट-टू-गेदर किया गया। जहाँ बच्चों की आंख का परीक्षण किया गया।

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यहां गेट-टू-गेदर में पहुंचे परिजनों ने अपने अनुभव साझा किए। ऐसे बच्चे जो समय से पहले जन्म लेते हैं, प्री-मैच्योर होने के कारण उनमे रेटिना डेवलप नहीं होती। जानकारी के अभाव में माता-पिता भी इसे नहीं जान पाते। जिससे बच्चा अंधत्व का शिकार हो जाता है।

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हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉक्टर दीपशिखा अग्रवाल बता रही है अगर समय पर आरओपी यानि रेटिनोपैथी ऑफ प्री-मैच्योरिटी की जांच और इलाज हो जाये तो 100 फीसदी आंखों की रोशनी वापस आ सकती है। प्री-मैच्योर जन्म लेने वाले बच्चों में 40 फीसदी इस बीमारी के शिकार होते हैं। फ़िलहाल इलाज के साथ एमजीएम हॉस्पिटल ने एक आरओपी क्लब भी बना दिया गया है। जिससे लोग आपस में बातचीत करने के अलावा, साझा प्रयास से अन्य लोगों को भी जागरूक कर सकें।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com