कोरोना ही नहीं बल्कि टीबी और निमोनिया के जोखिम से भी बचाता है मास्क : डॉ. सूर्यकान्त

कोरोना ही नहीं बल्कि टीबी और निमोनिया के जोखिम से भी बचाता है मास्क : डॉ. सूर्यकान्त

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  • Publish Date - November 9, 2020 / 01:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

लखनऊ, नौ नवंबर (भाषा) किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के श्वसन रोग विभाग के प्रमुख और इंडियन कॉलेज ऑफ़ एलर्जी, अस्थमा एंड ऐप्लाइड इम्युनोलॉजी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि मास्क पहनने से सिर्फ कोविड-19 महामारी से ही नहीं क्षय रोग (तपेदिक), निमोनिया और कई तरह की एलर्जी से भी बचाव होता है।

कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा गठित कार्यबल के सदस्य डॉ. सूर्यकांत ने सोमवार को मीडिया को बताया कि इस समय बढ़ता प्रदूषण व सर्दी इन बीमारियों को और गंभीर बना सकता है, ऐसे में अभी किसी भी तरह की ढिलाई बरतना खुद के साथ दूसरों को भी मुश्किल में डालने वाला साबित हो सकता है।

डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि ”वायु प्रदूषण का असर फेफड़ों पर ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। कम तापमान व स्मॉग के चलते धूल कण ऊपर नहीं जा पाते और नीचे ही वायरस व बैक्टीरिया के संवाहक का कार्य करते हैं, ऐसे में अगर बिना मास्क लगाए बाहर निकलते हैं तो वह सांसों के जरिये शरीर में प्रवेश करने का मौका पा जाते हैं।”

उन्होंने कहा, “घर से बाहर निकलने पर मास्क से मुंह व नाक को अच्छी तरह से ढंककर वायरस व बैक्टीरिया से जुड़ी बीमारियों जैसे कोरोना, टीबी व निमोनिया ही नहीं बल्कि एलर्जी, अस्थमा व वायु प्रदूषण जनित तमाम बीमारियों से भी सुरक्षित रहा जा सकता है।”

उन्‍होंने कहा कि ”वायु प्रदूषण में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 माइक्रोन यानि बहुत ही महीन धूल कण ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकते हैं, क्योंकि वह सांस मार्ग से फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं जबकि 10 माइक्रोन तक वाले धूलकण गले तक ही रह जाते हैं जो गले में खराश और बलगम पैदा करते हैं।”

भाषा आनन्‍द प्रशांत

प्रशांत शाहिद

शाहिद