हाथरस रवाना हुए राहुल और प्रियंका, एसआईटी की शुरुआती जांच पूरी
हाथरस रवाना हुए राहुल और प्रियंका, एसआईटी की शुरुआती जांच पूरी
हाथरस/नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा शनिवार को प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद कथित सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए शनिवार को हाथरस रवाना हुए।
दूसरी तरफ, हाथरस प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और मौत के मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी)ने अपनी आरंभिक जांच का काम पूरा कर लिया है।
दिल्ली-उप्र सीमा पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बड़ी संख्या में जमा होने तथा पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक के बाद प्रशासन ने राहुल गांधी समेत पांच लोगों को हाथरस जाने की अनुमति दी। इसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के कुछ अन्य नेता रवाना हो गए।
उधर, प्रशासन ने दो दिनों के गतिरोध के बाद बाद हाथरस स्थित पीड़िता के गांव के बाहर लगे अवरोधकों को हटा दिया और मीडिया को जाने की अनुमति दी।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा को नाटकीय तरीके से बृहस्पतिवर को हिरासत में ले लिया गया था, वे अब दूसरी बार पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस जा रहे हैं।
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की मौजूदगी के साथ अवरोधक लगाए गए थे।
गौतम बौद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘कोविड-19 के प्रकोप के कारण नोएडा, ग्रेटर नोएडा के साथ-साथ हाथरस समेत उत्तर प्रदेश के कुछ अन्य जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। सामाजिक दूरी बनाये रखने और अन्य संबंधित मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत पांच लोगों को अनुमति प्रदान की गई है।’’
इससे पहले राहुल और प्रियंका एक ही वाहन में डीएनडी तक पहुंचे थे और वाहन प्रियंका खुद चला रही थीं। दोनों नेताओं के साथ ही सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी डीएनडी पहुंचा था।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हाथरस के लिए रवाना होने से पहले डीएनडी पर पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी किया। कांग्रेस का दावा है कि पुलिस के बल प्रयोग में उसके कई कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं।
पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और 500 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया गया है।
हाथरस प्रशासन ने बृहस्पतिवार को निषेधाज्ञा लागू कर चार से अधिक लोगों के एक स्थान पर जमा होने पर रोक लगा दी थी। वहीं, गांव में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस नेताओं के साथ ही मीडिया कर्मियों के साथ भी पुलिस की धक्का-मुक्की की घटना हुई।
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी सहित वरिष्ठ समेत कई अधिकारियों ने पीड़िता के परिंवार से मुलाकात की।
अवनीश अवस्थी ने संवाददाताओं से कहा कि अधिकतम पांच लोगों का कोई भी समूह पीड़िता के परिवार से मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि एसआई से पहली रिपोर्ट मिलने के दो घंटे के भीतर ही शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक समेत कई पुलिसकर्मियों के निलंबन का आदेश दिया गया।
अवस्थी ने कहा, ‘‘यह बहुत ही दुखद घटना है। हमने परिवार में सभी से मुलाकात की। हमने उनसे बात की और यह भरोसा दिलाया गया कि दोषी पाए गए सभी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
उन्होंने ज्यादा ब्यौरा दिए बिना कहा, ‘‘जो भी बिंदु और शिकायतें आएंगी, एसआईटी उन्हें नोट करेगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी का निदान हो।’’
पीड़िता के गांव में सुरक्षा के लिए करीब 300 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी।
पीड़िता की मौत और उसके साथ नृशंस व्यवहार से निर्भया कांड की याद ताजा कर दी और यह प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है।
हाथरस रवाना होने से कुछ देर पहले, राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उप्र सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को यह स्वीकार नहीं करना चाहिए।’’
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मंजूर नहीं। पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।’’
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मामले की सीबीआई जांच या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच करवाने की मांग की है और कहा कि वह इस मामले की शुरुआती जांच से संतुष्ट नहीं हैं।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस घटना को लेकर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं महिला आयोग के मामले में हस्तक्षेप नहीं करती। पीड़िता को न्याय मिलेगा, मैंने खुद मुख्यमंत्री से बात की है। एसआईटी की रिपोर्ट आने पर मुख्यमंत्री दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।’’
गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार तड़के उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में ही अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया। बहरहाल, स्थानीय पुलिस का कहना है कि ‘‘परिवार की इच्छा के मुताबिक’’ अंतिम संस्कार किया गया।
भाषा हक हक उमा
उमा

Facebook



