राहुल और प्रियंका को हाथरस जाने से पुलिस ने रोका, दोनों ने उप्र में ‘जंगल राज’ होने का आरोप लगाया

राहुल और प्रियंका को हाथरस जाने से पुलिस ने रोका, दोनों ने उप्र में ‘जंगल राज’ होने का आरोप लगाया

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 PM IST
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Published Date: October 1, 2020 10:27 am IST

लखनऊ/जेवर/नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को पुलिस ने बृहस्पतिवार को सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के परिवार से मुलाकात के लिए हाथरस जाने से रोक दिया जिसके बाद दोनों ने राज्य में जंगलराज होने एवं पुलिस द्वारा लाठियां चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें ‘अहंकारी सरकार’ की लाठियां रोक नहीं सकतीं।

इस बीच, पार्टी ने कुछ तस्वीरें जारी कर दावा किया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने राहुल गांधी को रोकने के लिए उनके साथ धक्का-मुक्की की जिस कारण वो जमीन पर गिर गए।

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कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के काफिले को ग्रेटर नोएडा पुलिस ने रोक लिया। उसके बाद वे पैदल ही हाथरस के लिये निकल गये। कुछ देर पैदल चलने के बाद पुलिस ने उन्हें फिर रोक दिया।

कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष पुलिस से यह पूछते नजर आ रहे हैं कि उन्हें किस धारा के तहत ‘गिरफ्तार किया जा रहा है।’

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रदेश में जंगलराज का यह आलम है कि शोक में डूबे एक परिवार से मिलना भी सरकार को डरा देता है।

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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दुख की घड़ी में अपनों को अकेला नहीं छोड़ा जाता। उप्र में जंगलराज का ये आलम है कि शोक में डूबे एक परिवार से मिलना भी सरकार को डरा देता है। इतना मत डरो, मुख्यमंत्री महोदय!’’

प्रियंका ने आरोप लगाया कि उन्हें और राहुल गांधी को हाथरस जाने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं, लेकिन ‘अहंकारी सरकार’ की लाठियां उन्हें रोक नहीं सकतीं।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हाथरस जाने से हमें रोका। राहुल जी के साथ हम सब पैदल निकले तो बार-बार हमें रोका गया, बर्बर ढंग से लाठियां चलाईं। कई कार्यकर्ता घायल हैं। मगर हमारा इरादा पक्का है। एक अहंकारी सरकार की लाठियां हमें रोक नहीं सकतीं। काश, यही लाठियां, यही पुलिस हाथरस की दलित बेटी की रक्षा में खड़ी होती।’’

इससे पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है। बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में जंगलराज है।”

उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिये और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिये। उत्तर प्रदेश में बहनों को न्याय नहीं मिलता। यह कोई पहली बार नहीं है। आपको याद होगा कि पिछले साल भी इसी वक्त हम उन्नाव की बेटी की लड़ाई लड़ रहे थे।”

प्रियंका ने दावा किया कि जब तक सरकार को झकझोरा और जगाया नहीं जाएगा तब तक वह महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ नहीं करने वाली है।

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कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा कि यह घटना (हाथरस सामूहिक बलात्कार) बहुत अन्यायपूर्ण थी और उसके बाद सरकार ने शव के अंतिम संस्कार में जो किया वह तो और भी बड़ा अपमान था।

इससे पहले, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने बताया कि प्रियंका और राहुल हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मुलाकात करने जा रहे थे। रास्ते में ग्रेटर नोएडा पुलिस ने उनके काफिले को परी चौक इलाके में रोक लिया।

उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे पर रोके जाने के बाद प्रियंका और राहुल पैदल ही हाथरस के लिये रवाना हो गये। जहां उन्हें रोका गया, वहां से हाथरस की दूरी 142 किलोमीटर है।

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इस बीच, राज्य सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने राहुल और प्रियंका पर निशाना साधते हुए कहा, ”ये जो भाई-बहन दिल्ली से चले हैं, उन्हें राजस्थान जाना चाहिये था। जहां भी ऐसी घटना होती है, वह जघन्य अपराध होता है। राजस्थान में भी वारदात हुई थी, मगर कांग्रेस हाथरस की घटना पर गंदी राजनीति कर रही है।”

उधर, हाथरस जिलाधिकारी पी.के. लक्षकार ने बताया कि जिले में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है जो आगामी 31 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी। जिले की सभी सीमाएं सील कर दी गयी हैं।

उन्होंने सभी से जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

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गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी।

इस घटना को लेकर देश भर में जगह-जगह प्रदर्शन किये गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन कर इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने को कहा था। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिये बुधवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित किया है। इसे सात दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

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