भोपाल। मध्य प्रदेश में अध्यापकों का शिक्षक के रुप में संविलियन के बाद अब उन्हें अभिभावकों जैसी जिम्मेदारी सौपने की तैयारी हो रही है। यानी स्कूल आने से लेकर स्कूल छोड़ने तक शिक्षकों को बच्चों का ध्यान उनके माता-पिता की तरह रखना होगा।. स्कूल शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव में स्कूल में बच्चों के साथ किसी तरह की घटना होने पर इसके लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करने की बात कही गई है। शिक्षक संघों ने इसकी खिलाफत करते हुए प्रस्ताव वापस लेने की मांग की है।
अध्यापकों की मांग पर सरकार ने अध्यापकों को शिक्षक तो बना दिया लेकिन कद बढ़ाने के साथ अब उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ाने की तैयारी हो चुकी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें स्कूल खुलने से लेकर बंद होने तक शिक्षकों को अभिभावकों की तरह भूमिका निभाने की जिम्मेदारी सौपने का प्रस्ताव है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए शिक्षकों को ये जिम्मेदारी निभाना होगा।
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हालांकि शिक्षकों पर ये जिम्मेदारी एक दम से नहीं थोपी जाएगी। विभाग के इस प्रस्ताव से शिक्षक नाराज हैं। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल में किसी तरह की घटना होने पर यदि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तो ये शिक्षकों का अपमान होगा। उन्होंने प्रस्ताव वापस लेने की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
शिक्षक संविलियन के कुछ बिंदुओं को लेकर पहले ही सरकार से खफा हैं। उपर से इस प्रस्ताव ने एक बार फिर उन्हें नाराज कर दिया है। ऐसे में इन तमाम मामलों को लेकर शिक्षक एक बार फिर चुनावी वर्ष में आंदोलन का बिगुल फूंक सकते हैं।
वेब डेस्क, IBC24