महोबा (उप्र), 14 सितंबर (भाषा) महोबा के पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाने के बाद एक जानलेवा हमले में मारे गए क्रशर व्यवसायी के शव का जिले के कबरई कस्बे में व्यापक पुलिस बल की मौजूदगी में सोमवार दोपहर को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
राज्य के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने घटना की जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) गठित किया है।
भ्रष्टाचार के आरोपों में गत नौ सितंबर को निलंबित किए गए महोबा के पुलिस अधीक्षक पाटीदार के खिलाफ छह लाख रुपये की रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल करने के कुछ घंटे बाद संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से घायल हुए कबरई कस्बे के क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी (44) की रविवार देर शाम कानपुर की अस्पताल में मौत हो गयी थी, जिनके शव का भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आज (सोमवार) अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पुलिस महानिदेशक ने महोबा में व्यवसायी की मौत मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। वाराणसी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय सिंह मीणा इसके अध्यक्ष होंगे और पुलिस उपमहानिरीक्षक शलभ माथुर और पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी इसके सदस्य होंगे। एसआईटी सात दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने क्रशर व्यवसायी की हत्या के मामले को लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की।
व्यवसायी के पीड़ित परिवार से मुलाकात करने जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पार्टी विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा को रास्ते में कानपुर देहात के घाटमपुर इलाके में हिरासत में ले लिया गया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार से कहा कि वह इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड में दिखावटी निलंबन की लीपापोती न करके गिरफ्तारी करें।
यादव ने एक ट्वीट में कहा कि” महोबा के ‘इंद्रकांत त्रिपाठी सरकारी हत्याकांड’ में दिखावटी सस्पेंशन की लीपापोती न करके सरकार गिरफ़्तारी करे। आरोपित पुलिस कप्तान व डीएम के खिलाफ इतनी ढिलाई क्यों? पुलिस किस अधिकार से जन प्रतिनिधियों को जनता से मिलने व उनके मुद्दे उठाने से रोक रही है? क्या कोई हिस्सेदारी है?”
इसी बीच, पुलिस द्वारा क्रशर व्यवसायी के एक सहयोगी को हिरासत में ले लेने से स्थिति तनाव पूर्ण हो गयी है।
मृत क्रशर व्यवसायी के बड़े भाई रविकांत त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि ‘अंतिम संस्कार से लौटते समय उनके व्यवसायिक साझीदार पुरुषोत्तम सोनी को पुलिस रास्ते से जबरन उठाकर थाने ले गई और उन्हें हवालात में बंद कर दिया।’
मृत क्रशर व्यवसायी के भाई रविकांत त्रिपाठी ने बताया कि ‘अपर पुलिस अधीक्षक ने उनके व्यवसायी सहयोगी पुरुषोत्तम सोनी को उठाया था, लेकिन जिलाधिकारी के पहुंचते ही अपर पुलिस अधीक्षक थाने से चले गए और जिलाधिकारी से वार्ता होने के बाद थाने का घेराव हटा लिया गया।’
रविकांत ने आरोप लगाया कि ‘पुलिस के अधिकारी निलंबित पुलिस अधीक्षक का बचाव कर रहे हैं और हमारा उत्पीड़न कर रहे हैं। कबरई के थाना अध्यक्ष पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट हमारे साथ ही कानपुर से लेकर आये हैं, लेकिन अभी तक मुकदमे में हत्या की धारा नहीं जोड़ी गयी।’
गौरतलब है कि क्रशर व्यवसायी इंद्रकांत को गोली लगने के मामले में रविकांत त्रिपाठी की तहरीर पर शुक्रवार की शाम कबरई थाने में निलंबित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के निलंबित थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला और पत्थर खनन के विस्फोटक सामाग्री व्यवसायी ब्रम्हदत्त एवं सुरेश सोनी के खिलाफ जबरन धन वसूली (386), हत्या का प्रयास (307), साजिश रचना (120बी) एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7/8 का मुकदमा दर्ज हुआ था और शनिवार को अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश भी घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
रविकांत ने आरोप लगाया था कि महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पाटीदार ने उनके भाई से छह लाख रुपये रिश्वत मांगी थी और नहीं देने पर उसे झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की धमकी दी थी।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को महोबा के पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटीदार को निलम्बित कर दिया था।
मुख्यमत्रीं योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के मामलों में हुये महोबा के निलम्बित पुलिस अधीक्षक की सम्पत्तियों की जांच विजलेंस (सतर्कता विभाग)के माध्यम से कराये जाने के निर्देश दिये हैं।
गृह विभाग के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुये बताया था कि मुख्यमंत्री नें यह भी निर्देश दिये हैं कि निलम्बित अधिकारी मणि लाल पाटीदार द्वारा की गयी अनियमितताओं में संलिप्त पुलिस कर्मियों की पृथक से जांच कर उन्हें शीघ्र दंडित किया जाय। पाटीदार को पुलिस महानिदेशक कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
भाषा सं सलीम जफर धीरज
धीरज