रायपुर। छत्तीसगढ़ में विभिन्न निगमों-मंडलों में नियुक्ति की आस लगाए वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को अब लोकसभा चुनाव तक इंतजार करना होगा। सरकार ने निगम-मंडलों के अध्यक्ष के रुप में विभागों के भारसाधक मंत्री को ही जिम्मा दे दिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेश के मुताबिक राज्य के सभी निगमों, मंडलों, प्राधिकरणों, समितियों, परिषदों और अन्य संबंधित संस्थाओं के अध्यक्ष विभाग के भारसाधक मंत्री होंगे। आदेश में कहा गया है कि राज्य के समस्त आयोगों (संवैधानिक आयोगों तथा विधि द्वारा स्थापित, जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की नियुक्ति अधिनियम के परिप्रेक्ष्य में चयन प्रक्रिया के अनुसार की गई है, को छोड़कर) निगमों, मंडलों, प्राधिकरणों, समितियों, परिषदों और अन्य संबंधित संस्थाओं के अध्यक्ष अब संबंधित विभागों के भारसाधक मंत्री होंगे।
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माना जा रहा है कि राज्य की भूपेश सरकार ने यह निर्णय आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लिया है। इस निर्णय के पीछे कारण यह माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान नेता से लेकर कार्यकर्ताओं के बीच जो उत्साह और एकजुटता दिखी थी, वह लोकसभा चुनाव में भी कायम रहे। निगम-मंडलों में नियुक्ति के बाद गुटबाजी और विरोध की आशंका बनी रहती, जिसका असर पार्टी पर लोकसभा चुनाव में पड़ सकता था।