ये फसलें भी शामिल हुई राजीव गांधी किसान न्याय योजना में, फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वालों को मिलेगी इनपुट सब्सिडी

These crops were also included in the Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana, those cultivating fruits, flowers

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  • Publish Date - September 15, 2021 / 06:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में फसल उत्पादकता और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में अब खरीफ सीजन की उद्यानिकी फसलों को भी शामिल कर लिया गया है।

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राज्य में खरीफ मौसम में फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को योजना के प्रावधान के तहत प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) मिलेगी। गौरतलब है कि खरीफ सीजन 2020 में धान की खेती वाले रकबे में यदि उद्यानिकी फसलों की खेती चालू खरीफ सीजन में किए जाने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किया गया है।

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यहां यह उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पूर्व में खरीफ सीजन 2021-22 में धान, गन्ना, मक्का, अरहर, सोयाबीन, दलहन-तिलहन के उत्पादक किसानों को इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया था। बाद में इस योजना के प्रावधान को संशोधित कर उसमें कोदो, कुटकी और रागी को भी शामिल कर लिया गया।

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अभी हाल में बीते 8 सितम्बर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित केबिनेट की बैठक में खरीफ वर्ष 2021-22 से खरीफ की सभी फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत उद्यानिकी फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

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राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के उद्यानिकी कृषकों में उत्साह है। इससे राज्य में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा मिलेगा। फसल विविधीकरण से लोगों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में भी सुधार होगा। उद्यानिकी संचालक माथेश्वरन व्ही. ने बताया कि खरीफ मौसम में राज्य में फलोत्पादन के तहत केला।

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पपीता, नाशपाती, अमरूद, ड्रेगन फ्रूट, बेर, आंवला एवं नींबू वर्गीय फसलें तथा सब्जी की खेती के अंतर्गत टमाटर, आलू, भिंडी, बैगन, शकरकंद एवं कद्दू वर्गीय फसलें, पुष्प के अंतर्गत गुलाब एवं गेंदा फूल की खेती, मसाले की अंतर्गत मिर्ची, हल्दी, अदरक उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ की मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) दी जाएगी। काजू प्लांटेशन करने वाले कृषकों को भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अनुदान सहायता मिलेगी।