जुफर फारूकी को नदवी की बधाई पूरी तरह व्यक्तिगत थी : एआईएमपीएलबी

जुफर फारूकी को नदवी की बधाई पूरी तरह व्यक्तिगत थी : एआईएमपीएलबी

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  • Publish Date - March 11, 2021 / 02:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

लखनऊ, 11 मार्च (भाषा) ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने जुफर फारूकी को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष चुने जाने पर एआईएमपीएलबी के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी द्वारा दी गयी बधाई को ‘व्यक्तिगत’ बताते हुए कहा है कि इसे पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर दी गयी बधाई के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये।

एआईएमपीएलबी के सचिव जफरयाब जिलानी ने बृहस्पतिवार को बोर्ड की तरफ से जारी एक बयान में कहा कि कुछ समाचार पत्रों में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना नदवी द्वारा गत मंगलवार को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गये जुफर फारूकी को दी गयी बधाई को इस प्रकार प्रकाशित किया है, जैसे उन्होंने एआईएमपीएलबी अध्यक्ष के तौर पर बधाई देकर फारूकी द्वारा अयोध्या के धन्नीपुर में बाबरी मस्जिद के बदले में ली गयी भूमि पर मस्जिद निर्माण की कार्यवाही को उचित ठहरा दिया हो।

जिलानी ने कहा, ”वास्तविकता यह है कि बोर्ड अध्यक्ष मौलाना नदवी के करीबी लोगों ने बताया कि यह बधाई पूर्ण रूप से व्यक्तिगत थी तथा इसका बाबरी मस्जिद से सम्बन्धित ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के दृष्टिकोण से कोई संबंध नहीं था। बोर्ड, सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा बाबरी मस्जिद के बदले पांच एकड़ जमीन लिये जाने को पूर्ण रूप से शरियत और कानून के विरूद्ध समझता है और इस जमीन पर मस्जिद निर्माण को भी शरियत के खिलाफ मानता है।”

उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आज भी यह मानता है कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध धन्नीपुर में पांच एकड़ जमीन दी गयी है। उच्चतम न्यायालय के नवम्बर 2019 के निर्णय में उपरोक्त भूमि को अयोध्या के किसी मुख्य स्थान पर उपलब्ध कराने के आदेश दिये गये थे और नौ नवम्बर 2019 को धन्नीपुर अयोध्या में स्थित नहीं था।

जिलानी ने आरोप लगाया, सच्चाई यह है कि मस्जिद के लिये यह भूमि अयोध्या के बाहर दी गयी है क्योंकि अयोध्या में मस्जिद की अनुमति देने के लिये विश्व हिन्दू परिषद राजी नहीं है।

भाषा सलीम अर्पणा शफीक