(NSE IPO, Image Credit: Meta AI)
NSE IPO: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) सार्वजनिक लिस्टिंग की तैयारी में है, जिसे सेबी की मंजूरी मिलने के बाद 8-9 महीने में पूरा किया जाएगा। NSE के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने इसे भारत का पहला फिनटेक बताया और कहा कि इसने पूंजी निर्माण को संभव बनाया है।
NSE IPO: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) लंबे समय से अपने IPO की तैयारी कर रहा है। हाल ही में NSE के एमडी और सीईओ आशीष कुमार ने बताया कि सेबी से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद आईपीओ लॉन्च होने में करीब 8 से 9 महीने का समय लगेगा। उन्होंने साफ किया कि जैसे ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिलेगा, तब से लिस्टिंग प्रक्रिया पूरी होने में इतना समय लग सकता है।
NSE के सीईओ इसके स्ट्रक्चर को अन्य कंपनियों से अलग बताया। उन्होंने कहा कि NSE 100% सार्वजनिक कंपनी है और इसके पहले से ही लगभग 1.72 लाख शेयरधारक मौजूद हैं। इस कारण से NSE का IPO काफी अहम होगा। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि NSE वित्तीय प्रणाली में एक काफी मजबूत है और भारत का पहला फिनटेक एक्सचेंज माना जाता है।
उन्होंने NSE को देश की वित्तीय प्रणाली का महत्वपूर्ण भाग बताते हुए कहा कि यह डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का प्रतीक है, जो बिना किसी रुकावट के काम करता है। उन्होंने कहा कि NSE ने भारत में पूंजी निर्माण के नए पैमाने स्थापित किए हैं, जो अन्य देशों में शायद ही कभी देखा गया हो।
सीईओ आशीष कुमार ने बताया कि NSE की सफलता के पीछे मजबूत शासन और निवेशकों का विश्वास मुख्य वजह हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कॉर्पोरेट प्रशासन के बेहतर ढांचे ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है और यह एनएसई की निरंतर सफलता का आधार है।
वहीं, NSE अपने IPO की तैयारी के साथ ही तकनीक और विश्वास को मजबूत करने में जुटा हुआ है। उनके मुताबिक, ये सभी तत्व NSE के भविष्य के विकास और विस्तार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इससे NSE की अग्रणी भूमिका और भी ज्यादा मजबूत होगी।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।