IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर रेणुका चंद्रिका बोलीं- IAS बनकर करना चाहती हूं देश सेवा
IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर रेणुका चंद्रिका बोलीं- IAS बनकर करना चाहती हूं देश सेवा
IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022: Success Story of 12th Topper Renuka Chandrika
रायपुर। अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। जांजगीर चांपा जिले की रेणुका चंद्रिका ने जिले का मान बढ़ाया है। 12वीं परीक्षा में 479 अंक हासिल किया। रेणुका चंद्रिका ने संस्कार अंग्रेजी माध्यम हा. से. स्कूल, जैजैपुर में अपना पढ़ाई पूरी की है।
रेणुका चंद्रा ने कहा कि “पढ़ाई को घंटों में बांधने से यह बोझिल प्रैक्टिस होती है। इसलिए मैंने समझने और विषय के अनुसार समय देना तय किया। समझकर पढ़ा कभी भूलते नहीं।“
दिल्ली यूनिवर्सिटी से करूंगी ग्रेजुएशन, फिर बनूंगी आईएएसः रेणुका
रेणुका चंद्रा की जुबानी.. जितना पढ़ो उसे पूरे मनोयोग से पढ़ो। किसी विषय को गहराई से समझो और एक-एक टॉपिक को पढ़ो। घंटों में पढ़ाई करने से सिर्फ सतही पढ़ाई हो सकती है। किसी विषय में ज्यादा समय भी लग सकता है और किसी में कम भी। समय की नाप करके पढ़ाई करेंगे तो यह थकान पैदा करेगी। मन लगा, मनोयोग से विषय को बारीकी से समझते हुए पढ़ेंगे और तनावमुक्त ढंग से आगे बढ़ेंगे तो याद भी रहेगा और थकान से भी बचा जा सकता है। मेरा पढ़ने का यह तरीका रहा है। 10वीं कक्षा में जब 2 वर्ष पूर्व टॉप किया था, तब भी मेरी स्ट्रेटजी यही थी। मेरा यकीन सेल्फ स्टडी में कोचिंग से ज्यादा है। इसलिए मैंने कभी कोचिंग नहीं ली। इसका अर्थ यह नहीं कि मैंने शिक्षकों से बात ही नहीं की। बल्कि मैं उनसे सदा मार्गदर्शन लेती रही। स्कूल टीचर्स ने मुझे समय-समय पर बताया किस विषय के साथ कैसे आगे बढ़ो। पढ़ाई को कभी भी इकट्ठा नहीं करना चाहिए। यह तरीका बोझिल होता है। दबावपूर्ण होता है। इसलिए मैंने रोज एक रफ्तार से पढ़ाई की। यह रफ्तार ऐसी रही कि मुझे एग्जाम टाइम में कोई दबाव नहीं आया। अब मैं आगे डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) में दाखिला लेकर ग्रेजुएशन करूंगी। मुझे अखिल भारतीय सेवाओं में जाना है। पापा विज्ञान के सरकारी शिक्षक हैं मम्मी भी एक निजी विद्यालय में शिक्षक हैं। इस कारण मेरे घर में पढ़ाई का माहौल शुरू से ही है। यह मेरे लिए मददगार सिद्ध हुआ। आईबीसी-24 की स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप हम बेटियों के प्रोत्साहन मकसद से शुरू की गई सराहनीय पहल है।

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