(TRAI के इस निर्णय से खतरे में 'Truecaller', Image Credit: Meta AI)
नई दिल्ली: Calling Name Presentation Service: अब अनजान नंबरों से आने वाली कॉल्स आपको हैरान नहीं करेंगी। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम्युनिकेशन (DoT) ने बड़ा कदम उठाया है। टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि कॉलिंग स्क्रीन पर नंबर के साथ कॉलर का नाम भी दिखे। यह सर्विस एक हफ्ते के अंदर कम से कम एक सर्कल में शुरू हो जाएगी।
Calling Name Presentation Service: स्पैम, जंक और मार्केटिंग कॉल्स से परेशान मोबाइल यूजर्स के लिए यह खबर किसी तोहफे से कम नहीं। अब कॉल आने पर स्क्रीन पर वही नाम फ्लैश होगा जो यूजर ने मोबाइल नंबर रजिस्ट्रेशन के दौरान KYC में दिया था। इससे फ्रॉड कॉल्स की पहचान आसान हो जाएगी। TRAI का मानना है कि यह कदम साइबर क्राइम और स्कैमर्स के खिलाफ मजबूत ढाल बनेगा।
बता दें कि टेलीकॉम कंपनियां इस ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’ (CNAP) सर्विस का ट्रायल पिछले साल मुंबई और हरियाणा सर्कल में कर चुकी हैं। ट्रायल सफल रहा, जिसके बाद अब पूरे देश में इसे लागू करने का फैसला लिया गया।
Calling Name Presentation Service: यह फीचर डिफॉल्ट रूप से ऑन रहेगा। कॉल आने पर नाम और नंबर दोनों दिखेंगे। लेकिन अगर कोई यूजर प्राइवेसी की वजह से नाम छिपाना चाहे, तो सर्विस को डिएक्टिवेट करा सकता है। हालांकि, कुछ अपवाद भी हैं- जैसे इंटेलिजेंस एजेंसियां या VIPs जिनके पास CLIR (कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन रिस्ट्रिक्शन) एक्टिव हो। उनके नाम नहीं दिखेंगे।
कॉल आने से पहले ही स्क्रीन पर कॉलर का नाम और फ्रॉड का खतरा साफ दिख जाएगा, बिना किसी थर्ड-पार्टी ऐप के। सिर्फ नाम के साथ नंबर फ्लैश होगा यानी स्पैमर्स और स्कैमर्स का राज खुल जाएगा। ट्रूकॉलर यूजर्स के लिए TRAI का यह फैसला किसी झटके से कम नहीं, जो ऐप सालों से स्पैम और फ्रॉड कॉल्स की पहचान में रहा, अब उसकी चमक फीकी पड़ सकती है।