Satyendra Das Passed Away: रामलला के चरणों में बीता जीवन, राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्र दास का निधन, सीएम योगी ने जताया दुख

Satyendra Das Passed Away: रामलला के चरणों में बीता जीवन, राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्र दास का निधन, सीएम योगी ने जताया दुख

Satyendra Das Passed Away: रामलला के चरणों में बीता जीवन, राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्र दास का निधन, सीएम योगी ने जताया दुख

Satyendra Das Passed Away | Photo Credit: Yogi Adityanath X Handle

Modified Date: February 12, 2025 / 11:38 am IST
Published Date: February 12, 2025 11:06 am IST
HIGHLIGHTS
  • राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्र दास का निधन
  • सीएम योगी ने कहा- अपूरणीय क्षति

लखनऊ: Satyendra Das Passed Away अधोध्या स्थित राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बुधवार को निधन हो गया। बीतें कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। ब्रेन हेमरेज के बाद उन्हें लखनऊ स्थित पीजीआई अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी निधन के बाद अब हर तरफ शोक की लहर दौड़ गई है।

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Satyendra Das Passed Away सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर सीएम ने लिखा- परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!

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बता दें कि सत्येंद्र दास 34 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी विध्वंस के समय वे रामलला को गोद में लेकर भागे थे। तब से लेकर आज तक राम लला की सेवा कर रहे थे। सत्येंद्र दास का जन्म संतकबीरनगर जिले में 20 मई, 1945 में हुआ हुआ था। जो अयोध्या से 98.4 किमी की दूरी पर है। वे बचपन से ही भक्ति भाव में रहते थे। उनके पिता अक्सर अयोध्या आया करते थे, वह भी अपने पिता के साथ अयोध्या घूमने आया करते थे। यहां उनके पिता अभिरामदास जी के आश्रम में आते थे। सत्येंद्र दास भी अभिराम जी के आश्रम में आने लगे थे। अभिराम दास वही थे, जिन्होंने राम जन्मभूमि में 22-23 दिसंबर 1949 में गर्भगृह में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता जी मूर्तियों के प्रकट होने का दावा किया था। इन्हीं मूर्तियों के आधार पर आगे की लड़ाई लड़ी गई।


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