Ram mandir Dhwajarohan 2025: क्या है वो अद्भुत शक्ति जो राम मंदिर के हर समारोह को बना देती है और भी पवित्र? जानिए अभिजीत मुहूर्त का राज!

अयोध्या में राम मंदिर के बड़े आयोजनों के लिए अक्सर अभिजीत मुहूर्त चुना जाता है। इसे शुभ, पवित्र और अत्यंत शक्तिशाली समय माना जाता है। लोग इसे भगवान राम से जोड़ते हैं, क्योंकि इस मुहूर्त में शुरू किया गया कार्य हमेशा सफल और मंगलमय माना जाता है, इसलिए हर महत्वपूर्ण कर्म इसी समय किया जाता है।

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  • Publish Date - November 25, 2025 / 11:56 AM IST,
    Updated On - November 25, 2025 / 12:28 PM IST

(Ram mandir Dhwajarohan 2025 / Image Credit: Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra X)

HIGHLIGHTS
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:45 से दोपहर 12:29 तक।
  • ध्वजारोहण आज: विवाह पंचमी के दिन राम मंदिर में आयोजित।
  • शुभ और दोषरहित: इस समय सभी धार्मिक कार्य मंगलमय माने जाते हैं।

अयोध्या: Ram mandir Dhwajarohan 2025आज 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी के अवसर पर अयोध्या के राम मंदिर में ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर के लिए विशेष रूप से अभिजीत मुहूर्त का चयन किया गया है, जो सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा। इससे पहले राम मंदिर के अन्य बड़े आयोजन जैसे भूमि पूजन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी इसी मुहूर्त में सम्पन्न हुए थे। वहीं, अब इस बात से लोग बेहद उत्सुक हैं कि आखिर इस मुहूर्त को क्यों चुना जाता है और इसका भगवान राम से क्या संबंध है।

अभिजीत मुहूर्त का महत्व

धर्म-शास्त्रों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सबसे शुभ और श्रेष्ठ समय माना जाता है। यह विजय, सफलता और यश प्राप्ति का प्रतीक है। प्रतिदिन यह मुहूर्त लगभग 48 मिनट का होता है और ऐसा माना जाता है कि भगवान राम का जन्म भी इसी समय हुआ था, इसलिए इसे सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व दिया गया है। अयोध्या राम मंदिर के सभी प्रमुख धार्मिक कार्य इसी मुहूर्त में किए जाते हैं। मन्दिर में किसी भी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा या अन्य महत्वपूर्ण आयोजन के लिए यह समय मुख्य माना जाता है।

सूर्य का आशीर्वाद और ईश्वरीय शक्ति

शास्त्रों में अभिजीत मुहूर्त को ईश्वरीय समय कहा गया है। इस समय सूर्य आकाश में सबसे ऊंचे बिंदु पर होता है, जिससे भगवान का प्रत्यक्ष आशीर्वाद प्राप्त होता है। माना जाता है कि इस मुहूर्त में किए गए सभी धार्मिक कार्य भगवान विष्णु तक सीधे पहुंचते हैं।

सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त किसी विशेष तिथि, वार या नक्षत्र पर निर्भर नहीं करता। इसलिए यह त्रिकालदोष और पंचांग दोषों से मुक्त माना जाता है। इसी कारण से धार्मिक कर्मों के लिए यह समय विशेष रूप से चुना जाता है।

शास्त्रों में उल्लेख

वाल्मीकि रामायण में उल्लेख है कि भगवान राम का अवतरण इसी अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। इसे भगवान विष्णु का काल माना गया है और इस समय किए गए सभी कार्यों में उनका विशेष आशीर्वाद स्वतः प्राप्त होता है। अभिजीत मुहूर्त को विजयदायक और दोषरहित माना जाता है, जो सभी अन्य तिथियों और नक्षत्रों की बाधाओं या प्रतिकूल स्थितियां उस पर कोई प्रभाव नहीं डालतीं।

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अभिजीत मुहूर्त क्या है?

यह दिन का एक विशेष समय होता है, जिसे सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है।

राम मंदिर के आयोजन हमेशा इसी मुहूर्त में क्यों होते हैं?

इसे विजय, सफलता और भगवान विष्णु का आशीर्वाद देने वाला समय माना जाता है।

अभिजीत मुहूर्त कितने समय का होता है?

लगभग 48 मिनट का होता है, दिन में सूर्य जब सबसे ऊँचे बिंदु पर होता है।

क्या इस मुहूर्त में दोष आते हैं?

नहीं, यह त्रिकालदोष और पंचांग दोषों से मुक्त होता है।

भगवान राम से इसका क्या संबंध है?

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम का जन्म इसी अभिजीत मुहूर्त में हुआ था।