Aditi Singh Join BJP: रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस से विधायक अदिति सिंह भाजपा में शामिल हो गई हैं। वे लंबे समय से कांग्रेस के विरोध में मोर्चा खोले हुई थीं और भाजपा की नीतियों का समर्थन कर रही थीं। किसान आंदोलन को लेकर वे खुलकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के खिलाफ कई बार बोल चुकी हैं। उन्होंने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले पर बाद में प्रतिक्रिया देने पर प्रियंका गांधी की आलोचना की थी।
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जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने केंद्र सरकार के कदम की तारीफ करने के अलावा वे योगी सरकार की भी प्रशंसक रही हैं। कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों के लिए जब कांग्रेस ने 1000 बसों का इंतजाम किया था तो अदिति सिंह इस विवाद में भी कूदी थीं और पार्टी नेतृत्व की आलोचना की थी। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में जब-जब वोटिंग के मौके आए अदिति सिंह ने भाजपा के पक्ष में वोट डाला है।
कांग्रेस उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने को लेकर पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख चुकी है। ऐसे में उनके भाजपा में शामिल होने को महज एक औपचारिकता माना जा रहा है। हालांकि अदिति का विकल्प ढूंढना पार्टी के लिए एक टेढ़ी खीर है, क्योंकि रायबरेली सदर की सीट ऐसी थी जहां भाजपा कमजोर थी और अदिति सिंह के परिवार ने यहां कांग्रेस का झंडा बुलंद कर रखा था। अदिति सिंह के शामिल होने से भाजपा कांग्रेस पार्टी की पारंपरिक गढ़ रायबरेली में पैठ बनाने की उम्मीद कर रही है।
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उत्तर प्रदेश की एक महिला नेता ने बताया अदिति सिंह जिस तरह बात-बात पार्टी नेतृत्व और पार्टी की नीतियों की आलोचना कर रही थीं उससे यह साफ था कि वे देर-सबेर कांग्रेस छोड़ देंगी। उन्हें रेबेल ऑफ रॉयबरेली कहा जाने लगा और अक्सर उनसे पूछा जाता था ‘तो, आपकी स्थिति क्या है? क्या आप अभी भी कांग्रेस विधायक हैं, या आप 2022 के चुनाव से पहले बीजेपी या समाजवादी पार्टी में जा रही हैं?
अदिति सिंह बाहुबली अखिलेश सिंह की बेटी हैं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सदर से 2017 का चुनाव जीता और पहली बार विधायक बनी थी। अखिलेश सिंह ने 1993 से 2017 तक इस सीट पर कब्जा रखा था। 2019 में उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है कि पिता के निधन के बाद से अदिति का झुकाव भाजपा की तरफ बढ़ा और वे भाजपा में अपना भविष्य तलाशने लगीं।
मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की कार्यशैली से बहुत प्रभावित थी, मैंने पूरे पांच साल उनकी कार्यशैली पर गौर किया। मैं अपनी सीट पर ज़्यादा से ज़्यादा मेहनत करके सीट जीता कर लाने का वादा करती हूं: भाजपा में शामिल होने के बाद अदिति सिंह pic.twitter.com/OAfrfGHUfd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2021
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उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई की और 2019 में पंजाब के कांग्रेस विधायक अंगद सिंह सैनी से शादी की। ये दोनों क्रमशः उत्तर प्रदेश और पंजाब की विधानसभाओं में सबसे कम उम्र के विधायक माने जाते हैं। अंगद सिंह ने भी साल 2017 में ही राजनीति में कदम रखा था। माना जा रहा है कि अदिति सिंह पंजाब में भी भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर सकती हैं
रायबरेली सदर सीट पर यादवों और मुस्लिम मतदाताओं का अच्छा अनुपात है। पिछले तीन दशक से अदिति सिंह के परिवार की इस क्षेत्र में पकड़ के कारण माना यह जाता है कि यहां उनका परिवार जीतता है न की पार्टी। कहा जाता है कि अखिलेश सिंह रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की जीत में अहम भूमिका निभाते रहे।
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अदिति सिंह कभी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की करीबी माना जाती थीं। प्रियंका गांधी अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली का काम देखती रही हैं और इस सिलसिले में अदिति सिंह उनके करीब आईं, लेकिन वक्त के साथ प्रियंका गांधी और अदिति सिंह में दूरी बढ़ती गईं और वे प्रियंका गांधी की धुर आलोचक बन गईं। अदिति सिंह का मानना था कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी को लखनऊ में ज्यादा समय देना चाहिए था।