दहेज हत्या के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा और अर्थदंड

दहेज हत्या के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा और अर्थदंड

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  • Publish Date - October 23, 2021 / 11:56 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

Dowry convicts sentenced to life imprisonment : बहराइच (उप्र), 23 अक्टूबर (भाषा) बहराइच जिले की एक अदालत ने दहेज हत्या के 2001 के मामले में मृतका के पति व सास को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मुन्नू लाल मिश्र ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अभियोजन व बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने शुक्रवार को मृतका ननकन्नी की सास रईसा खातून व पति मोहम्मद उमर को दोषी करार देते हुए दोनों को उम्र कैद व 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जिला जज के आदेशानुसार अर्थदंड नहीं चुकाने पर दोषियों को एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

मिश्र ने घटना के संदर्भ में बताया कि बेचू नाम के एक व्यक्ति की बेटी ननकन्नी का निकाह 1993 में बहराइच जिले के नानपारा थाना अंतर्गत बेन्दुभार गांव निवासी मोहम्मद उमर उर्फ नेम्बर के साथ हुआ था। ससुराल वाले शादी के बाद से ही दहेज की मांग कर रहे थे और मांग पूरी न होने के कारण ननकन्नी को प्रताड़ित करते थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि दो मई 2001 की दोपहर मोहम्मद उमर व रईसा खातून ने केरोसिन छिड़ककर ननकन्नी को जिन्दा जला दिया। ननकन्नी (22) की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी।

अधिवक्ता मिश्र ने बताया कि ननकन्नी के पिता बेचू ने नानपारा कोतवाली में हत्या, दहेज अधिनियम व अन्य सुसंगत धाराओं के तहत बेटी के पति व सास के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। वारदात के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान ननकन्नी ने अपने साथ हुई घटना के विषय में अपने मायके वालों, पुलिस व मजिस्ट्रेट के समक्ष मृत्यु पूर्व बयान दिया व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी युवती को जलाकर हत्या करने के प्रमाण मिले थे।

भाषा सं आनन्द प्रशांत मानसी

मानसी