Etawah Yadav Kathavachak News: ‘कथा कहने का अधिकार सिर्फ..’ यादव कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार पर ये क्या कह गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

Etawah Yadav Kathavachak News: यादव कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान

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Modified Date: June 25, 2025 / 08:13 AM IST
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Published Date: June 25, 2025 8:13 am IST
Etawah Yadav Kathavachak News: ‘कथा कहने का अधिकार सिर्फ..’ यादव कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार पर ये क्या कह गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
HIGHLIGHTS
  • यादव कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार पर बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
  • कथा कहने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मण को है - शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
  • अपनी जाति छिपाकर कथा कहना गलत - अविमुक्तेश्वरानंद अविमुक्तेश्वरानंद

Etawah Yadav Kathavachak News: उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार ने यूपी का माहौल गर्म कर दिया है। वहीं, इस मामले पर अब ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने का बयान सामने आया है, जिसमें वो कहते नजर आ रहे हैं कि, कथा कहने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मण को है। उनका कहना है कि, शास्त्रों के अनुसार सभी जातियों को कथा सुनाने के लिए ब्राह्मण ही उपयुक्त हैं।

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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, अपनी जाति छिपाकर कथा कहना गलत है। अगर कोई ब्राह्मणों के बीच जाकर ब्राह्मण बनकर कथा कहेगा, तो यह धोखा है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि मामला धोखाधड़ी का है, तो पुलिस में 419-420 के तहत मामला दर्ज कराया जाना चाहिए था।

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दरअसल, इटावा में कथावाचक मुकुटमणि और संत कुमार यादव को कथित रूप से ब्राह्मण बनकर कथा सुनाने के कारण गांव वालों ने बेहद अपमानित किया। उनके साथ मारपीट की गई, सिर मुंडवाया गया। इतना ही नहीं अपमानित करते हुए सार्वजनिक रूप से उनकी नाक को जमीन में रगड़वाई गई, वो भी इसलिए कि वे यादव होकर कथा कर रहे थे। सोशल मीडिया पर इस पूरे मामले का वीडियो भी खूब वायरल हुआ, जिसके बाद मामला गरमाने लगा।

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा पीड़ित कथावाचकों को सम्मानित किए जाने पर शंकराचार्य ने कहा कि, जाति के नाम पर अपराध को नहीं छुपाया जा सकता। कावड़ यात्रा मार्ग पर पकाया भोजन न खाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि, कच्ची चीजें किसी भी जाति से खरीदी जा सकती हैं, पर पकाया हुआ खाना शुद्धता के दृष्टिकोण से ठीक नहीं है।

इटावा में यादव कथावाचक के साथ क्या हुआ?

इटावा में एक कथावाचक, जो यादव समुदाय से हैं, के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार हुआ। आरोप है कि, जाति छिपाकर कथा कराने पर गांव के लोगों ने उनका सिर मुडवाया, नाक रगड़वाई और मारपीट की।

यादव कथावाचक पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने क्या कहा है?

शंकराचार्य ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार कथा कहने का अधिकार केवल ब्राह्मणों को है। उनका मानना है कि वेद, पुराण और धर्मशास्त्रों की व्याख्या करने की क्षमता और परंपरा केवल ब्राह्मण वर्ग में रही है।

क्या भारत में धर्म-कथा कहने का अधिकार केवल ब्राह्मणों को है?

भारतीय संविधान के अनुसार, धर्म, आस्था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर नागरिक को है। कोई भी व्यक्ति धार्मिक कथा कह सकता है, भले ही वह किसी भी जाति या पृष्ठभूमि से हो। शास्त्रीय व्याख्याएं अलग हो सकती हैं, लेकिन कानूनी रूप से ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है।