ताबड़तोड़ रैली करने वाले नेताओं पर सरकारी खजाने की गर्मी चढ़ी है : मायावती |

ताबड़तोड़ रैली करने वाले नेताओं पर सरकारी खजाने की गर्मी चढ़ी है : मायावती

ताबड़तोड़ रैली करने वाले नेताओं पर सरकारी खजाने की गर्मी चढ़ी है : मायावती

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : January 1, 2022/2:20 pm IST

लखनऊ, एक जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती के अब तक मैदान में न उतरने को लेकर विपक्षी दलों के कटाक्ष पर जवाब देते हुये बसपा प्रमुख ने शनिवार को कहा कि चुनाव से पहले जो जनसभायें की जा रही हैं, वह जनता के पैसे और सरकारी कर्मचारियों की भीड़ के बूते की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि बसपा की कार्यशैली और चुनाव को लेकर तौर-तरीके अलग हैं और हम किसी दूसरी पार्टी की नकल नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता के लोगों को ठंड में जो गर्मी चढ़ी है, वह सरकार के और गरीबों के खजाने की गर्मी है। साथ ही कहा कि हमारी पार्टी गरीबों-मजलूमों की पार्टी है, दूसरी पार्टियों की तरह धन्ना सेठों-पूंजीपतियों की पार्टी नहीं है।

गौरतलब है कि 30 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुरादाबाद, अलीगढ़, उन्नाव में भाजपा की जनविश्वास यात्रा के दौरान बसपा पर हमला करते हुए कहा था कि बहनजी (मायावती) की तो ठंड ही उतर नहीं रही। चुनाव आ गया है और वह प्रचार करने के लिए भी निकल नहीं रही हैं। उन्होंने कहा, “लगता है, वह पहले ही हार से भयभीत हो गई हैं।”

इसी के जवाब में बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जब भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां केंद्र या जिन भी राज्यों की सत्ता में होती हैं तो ये पार्टियां केंद्र और संबंधित राज्यों में चुनाव घोषित होने से लगभग दो ढाई महीने पहले खूब ताबड़तोड़ हवा-हवाई घोषणायें, शिलान्यास, उदघाटन और लोकार्पण आदि करती हैं। उसकी आड़ में सरकारी खर्च से खूब चुनावी जनसभायें भी करती हैं, जिस पर इनकी पार्टी का नहीं बल्कि हमारी आम जनता का ही सरकारी पैसा पानी की तरह काफी बेदर्दी से बहा दिया जाता है। इसमें आधी भीड़ सरकारी कर्मचारियों की और आधी भीड़ टिकट चाहने वालों की होती हैं। ये सब हमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्यों में देखने को मिल रहा है।”

मायावती ने केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बिना नाम लिये उन पर हमला करते हुये कहा, “अब यह ठंड में जो इनको गर्मी चढ़ी हुई है, यह सरकार के गरीबों के खजाने की ही गर्मी है। यह जो सरकारी पैसे का इस्तेमाल करके कार्यक्रम कर रहे हैं। यह पार्टियां जब सत्ता में नहीं होती हैं, तब यह पार्टियां हमारी पार्टी (बसपा) की तरह ही चुनाव घोषित होने से कई कई महीने पहले ताबड़तोड़ जनसभाएं आदि नही करती हैं ।

भाजपा नेताओं द्वारा अपनी चुनावी सभाओं में लगातार बुआ कह कर संबोधित करने पर मायावती ने कहा, “जब ये पार्टियां सत्ता में नहीं होती हैं तब इनको अपने विरोधियों पर ठंडी-गर्मी और हमारी संस्कृति के बनाए गये रिश्तों-नातों आदि को लेकर कटाक्ष करने की आदत नहीं होती है क्योंकि तब ऐसा करने पर इनकी पार्टी का पैसा खर्च होता है। तब यह पार्टियां हमारी पार्टी की तरह ही चुनाव घोषित होने से पहले कार्यकर्ताओं के बीच काम और चुनाव की तैयारी करती है और बाद में चुनाव आने पर मैदान में उतरती है।”

मायावती ने कहा, “हमारी पार्टी अन्य पार्टियों की नकल करने में विश्वास नहीं रखती है बल्कि अपनी पार्टी के लोगों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर पूरी सूझबूझ से काम करती है क्योंकि मुझे इस बात का एहसास है कि यदि मैं अन्य पार्टियों की नकल करके आए दिन खूब जनसभायें आदि करती हूं तो मेरे लोग यह आर्थिक बोझ नहीं उठा पायेंगे।”

बसपा सुप्रीमो ने कहा, ”हमारी पार्टी गरीबों-वंचितों की पार्टी है, दूसरी पार्टियों की तरह धन्ना सेठों- पूंजीपतियों की पार्टी नहीं है। हमारी पार्टी एक राजनीतिक दल के साथ एक आंदोलन भी है और यदि हम दूसरों की नकल करेंगे तो पार्टी को धन के अभाव में चुनाव में काफी नुकसान पहुंच सकता है। चुनाव को लेकर हमारी पार्टी की अलग कार्यशैली एवं तौर-तरीके हैं जिसे हम बदलना नहीं चाहते हैं चाहे विरोधी पार्टी कटाक्ष करें या मीडिया उलटा-सीधा लिखे। दूसरी पार्टियों को हमारी चिंता करने की जरूरत नहीं है।”

मायावती ने नये साल के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता को बधाई दी तथा कोरोना वायरस से सावधान रहने की सलाह भी दी।

भाषा जफर

नेहा

नेहा

 

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