लखनऊ, 17 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में राजमार्ग अधिकारियों ने सर्दियों के मौसम में घने कोहरे की स्थिति में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एक दिन पहले राज्य में कोहरे से जुड़ी कई दुर्घटनाओं में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (ताज एक्सप्रेसवे), पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे समेत प्रमुख राजमार्गों का संचालन करने वाले उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) ने कहा कि मंगलवार की दुर्घटनाओं के बाद अधिक सावधानियां बरती जा रही हैं।
मंगलवार को खराब दृश्यता के कारण हुईं दुर्घटनाओं से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी और 59 लोग घायल हो गए थे। मथुरा के यमुना एक्सप्रेसवे पर हुई इन्हीं में से एक घटना में कई वाहनों के आपस में टकराने से 13 लोगों की जान चली गई।
अधिकारियों ने बताया कि बस्ती और उन्नाव में चार-चार लोगों की मौत हुई जबकि मेरठ और बाराबंकी में दो-दो लोगों के मारे जाने की खबर है।
यूपीईआईडीए के नोडल अधिकारी (सड़क सुरक्षा) राजेश पांडे ने कहा, ”पूर्वांचल और ताज एक्सप्रेसवे वाली दुर्घटना समेत अधिकांश दुर्घटनाएं खराब दृश्यता के कारण पीछे से टक्कर लगने से हुईं।”
पांडे ने कहा कि कोहरे की अवधि के दौरान एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा को वर्तमान 120 किलोमीटर प्रति घंटे से घटाकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे करने के लिए एक या दो दिन में राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा। कोहरा आम तौर पर 15 फरवरी तक रहता है।
उन्होंने कहा कि उन दोपहिया वाहनों के लिए विशेष सलाह जारी की जा रही है, जिन्हें एक्सप्रेसवे पर जाने की अनुमति है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी पांडे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया “कोहरे के दौरान, हम मोटर साइकिल सवारों से टोल प्लाजा पर रुकने का अनुरोध करते हैं। हम उनके लिए कंबल और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि यूपीईआईडीए ने गश्ती दलों से प्राप्त जानकारी के आधार पर, आगे कोहरे की स्थिति के बारे में वास्तविक समय पर घोषणा करने के लिए सभी टोल प्लाजा पर सार्वजनिक संबोधन प्रणाली भी सक्रिय कर दी है।
उन्होंने कहा, “कोहरा आमतौर पर जल निकायों और निचले इलाकों के पास अधिक घना होता है।”
उन्होंने कहा कि हम यात्रियों को समय समय पर सचेत करते हैं।
यात्रियों के बीच सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देश साझा किए जा रहे हैं। इसके अलावा 14449 सहित आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर वाले पर्चे भी वितरित किए जा रहे हैं।
पांडे ने दोहराया कि एक्सप्रेसवे पर पार्किंग सख्त वर्जित है।
इस बीच, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सर्दी के कोहरे के दौरान सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच दृश्यता और जागरूकता में सुधार के लिए एक राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है।
अधिकारियों ने बताया कि एनएचएआई के तहत राजमार्गों पर गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोहरे के अलावा, गलत दिशा में वाहन चलाना और राजमार्ग पर अनाधिकृत रूप से प्रवेश और निकास दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण बने हुए हैं।
लुहरली (गौतम बुद्ध नगर) और गभाना (अलीगढ़) टोल प्लाजा के वरिष्ठ प्रबंधक बजरंग सैनी ने कहा कि वाहन की दृश्यता में सुधार के लिए मोटर चालकों को ‘रिफ्लेक्टिव टेप’ वितरित किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया, ‘ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रकों जैसे कुछ वाहनों में या तो रिफ्लेक्टिव टेप नहीं होते या उनकी लाइटें खराब होती हैं, जिससे खतरा बढ़ जाता है। ग्रामीण इलाकों में तिपहिया वाहन और बैलगाड़ियां भी होती हैं, जो दिखनी चाहिए।’
सैनी ने कहा कि यात्रियों की मदद के लिए एनएचएआई की गश्ती गाड़ियां नियमित रूप से तैनात रहती हैं, जबकि टोल प्लाजा पर कोहरे की स्थिति, इमरजेंसी संपर्क नंबर और सुरक्षित ड्राइविंग के तरीकों के बारे में बार-बार घोषणाएं की जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘सर्दी में हर साल ऐसा होता है।’
अधिकारियों के अनुसार, लुहारली टोल प्लाजा पर रोज़ाना लगभग 40,000 जबकि गभाना में हर दिन लगभग 20,000 गाड़ियां गुज़रती हैं।
लखनऊ-रायबरेली रोड पर एनएचएआई के दखिना-शेखपुर टोल प्लाजा पर भी इसी तरह की पहल जारी है, जहां प्रोजेक्ट हेड दिलीप पांडे ने कहा, ‘जिन गाड़ियों को ज़रूरत है, उन्हें अच्छी क्वालिटी के रिफ्लेक्टिव टेप बांटे जा रहे हैं। इसका मकसद दुर्घटनाओं को कम करना है।’
अधिकारियों ने मोटर चालकों से सावधानी से गाड़ी चलाने, सुरक्षित दूरी बनाए रखने और सलाह का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है क्योंकि आने वाले हफ्तों में पूरे राज्य में घना कोहरा रहने की उम्मीद है।
भाषा किशोर जफर जोहेब
जोहेब