हिमाचल प्रदेश: व्यापारियों ने शिपकी-ला सीमा के रास्ते चीन से व्यापार फिर शुरू करने की मांग की

हिमाचल प्रदेश: व्यापारियों ने शिपकी-ला सीमा के रास्ते चीन से व्यापार फिर शुरू करने की मांग की

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  • Publish Date - November 13, 2025 / 02:01 PM IST,
    Updated On - November 13, 2025 / 02:01 PM IST

रामपुर, 13 नवंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के व्यापारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि किन्नौर जिले में शिपकी-ला सीमा के रास्ते चीन के साथ व्यापार फिर से शुरू होने पर पारंपरिक वस्तुओं की बिक्री बढ़ेगी, रोजगार सृजित होगा और दोनों देशों के व्यापारियों को लाभ होगा।

व्यापारी, शिमला जिले के रामपुर में अंतरराष्ट्रीय लवी व्यापार मेले में भाग लेने आए थे।

विशेष रूप से किन्नौर के व्यापारी इस व्यापार मार्ग को फिर से शुरू करने के लिए उत्सुक हैं, जिसे 2020 में कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान बंद कर दिया गया था।

किन्नौर के निचार के एक व्यापारी चंद्र मोहन नेगी ने कहा, “ऊनी कपड़े, पाशम (ऊनी) और सूखे मेवों जैसी पारंपरिक वस्तुओं की बिक्री में तब तेजी आएगी जब चीनी सामान रामपुर में बिकेगा और हमारा सामान तिब्बत के व्यापारियों को बेचा जाएगा। ”

किन्नौर के कल्पा के एक अन्य व्यापारी धर्मपाल नेगी ने भी कहा कि व्यापार फिर से शुरू होने से दोनों पक्षों के व्यापारियों को लाभ होगा।

उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि व्यापार फिर से शुरू हो ताकि पारंपरिक वस्तुओं का आदान-प्रदान हो सके और सामान अधिक मात्रा में आ सके।”

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने मंगलवार को लवी मेले का उद्घाटन करते हुए कहा था कि उन्होंने और राज्य सरकार ने इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाया है और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस पर काम कर रहे हैं।

पिछले 25-30 वर्षों से व्यापार मेले में आ रहे किन्नौर के व्यापारियों ने ऑनलाइन बिक्री के कारण अपने व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि व्यापार मार्ग बंद होने से धीरे-धीरे मेले की रौनक कम हो रही है।

व्यापारियों के अनुसार, ऊन, कच्चा रेशम, याक के बाल, चीनी मिट्टी, बोरेक्स, मक्खन, नमक, सिले-सिलाए कपड़े, जूते, रजाई, कंबल, कालीन व स्थानीय हर्बल दवाइयां, साथ ही घोड़े, बकरी और भेड़ जैसे जानवर, पहले चीन से आयात किए जाते थे और लोग इन्हें खरीदने के लिए आकर्षित होते थे।

भाषा जितेंद्र मनीषा

मनीषा