हिप्र: याददाश्त खोने के कारण 15 साल पहले लापता हुआ व्यक्ति सोशल मीडिया के जरिये परिवार से मिला

हिप्र: याददाश्त खोने के कारण 15 साल पहले लापता हुआ व्यक्ति सोशल मीडिया के जरिये परिवार से मिला

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  • Publish Date - December 8, 2025 / 10:20 PM IST,
    Updated On - December 8, 2025 / 10:20 PM IST

हमीरपुर(हिप्र), आठ दिसंबर (भाषा) जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) में अपनी पहली तैनाती के लिए त्रिपुरा जाते समय लापता हुआ हिमाचल प्रदेश का एक व्यक्ति सोशल मीडिया की मदद से 15 साल बाद अपने परिवार से मिल सका।

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में स्थित घिरथोली गांव के रहने वाले बलदेव की वापसी का नजारा उत्सव सरीखा था। परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों के साथ बलदेव का स्वागत किया और उसकी आरती भी उतारी।

बलदेव के घर पर दिन भर रिश्तेदारों, दोस्तों और गांव वालों का तांता लगा रहा। वे उसे सुरक्षित और स्वस्थ देखकर भावुक हो गए।

जीआरईएफ भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधीन काम करता है और इस पर सीमावर्ती क्षेत्रों तथा रणनीतिक जगहों पर सड़कों, पुलों व अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण एवं रखरखाव की जिम्मेदारी है, ताकि सैनिकों की निर्बाध आवाजाही और रसद आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

बलदेव के भाई प्रताप ने बताया कि उसका भाई 15 साल पहले अपनी पहली तैनाती के लिए त्रिपुरा जाते समय लापता हो गया था।

प्रताप के मुताबिक, बलदेव ने आखिरी बार दिल्ली से परिवार से बात की थी, लेकिन फिर उससे कोई संपर्क नहीं हुआ।

उन्होंने बताया कि याददाश्त खो देने के कारण वह न तो जीआरईएफ में अपना पद संभाल सका और न ही घर लौटा।

प्रताप के अनुसार, परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन बलदेव के बारे में वर्षों तक कोई सुराग नहीं मिला। उन्होंने बताया कि अब 15 साल बाद परिवार को आखिरकार सोशल मीडिया के जरिये उनका पता चला।

प्रताप ने कहा, “लापता होने के समय बलदेव अपनी याददाश्त खो चुका था; वह नौ साल तक हिसार (हरियाणा) की एक गौशाला में रहा, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान उसे वहां से जाने के लिए कहा गया। बाद में राजस्थान के एक परिवार ने उसे देखा और अपने साथ ले गए।”

प्रताप के मुताबिक, बलदेव राजस्थान के उस परिवार के सदस्यों से अक्सर हमीरपुर स्थित अपने घर के बारे में बात करता था, वह कभी-कभी खुद को ऊना का निवासी बताता था।

प्रताप ने बताया कि बलदेव की बातें सुनकर राजस्थान के परिवार ने उसका एक वीडियो बनाया और उसे फेसबुक पर अपलोड कर दिया।

प्रताप के अनुसार, बलदेव की भाभी ने वीडियो देखकर उसे पहचान लिया और पूरा परिवार उसे घर लाने के लिए शनिवार को राजस्थान के लिए रवाना हो गया।

परिवार ने बताया कि बलदेव की याददाश्त अब भी पूरी तरह से नहीं लौटी है, जिसके कारण वह कुछ ही लोगों को पहचान पा रहा है।

भाषा पारुल धीरज

धीरज