Marriage Panchami Lord Shri Ram's marriage in Ayodhya

Shri Ram Vivah News : गाजे बाजे के साथ निकाली गई प्रभु श्रीराम की बारात, अयोध्या और मिथिला का है अजीबोगरीब रिश्ता, जानें यहां..

Marriage Panchami Lord Shri Ram's marriage in Ayodhya: योध्या में प्रभु राम की बारात जब निकली होगी तो क्या दृश्य रहा होगा।

Edited By :   Modified Date:  December 18, 2023 / 12:14 PM IST, Published Date : December 18, 2023/12:14 pm IST

Marriage Panchami Lord Shri Ram’s marriage in Ayodhya : अयोध्या। अयोध्या जहां न जाने कितने साधु संतों ने अब तक प्रभु राम की तपस्या और भजन पूजन में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। अयोध्या में प्रभु राम की बारात जब निकली होगी तो क्या दृश्य रहा होगा। अयोध्या से प्रभु श्री राम की बारात आज भी जब अयोध्या से निकलती है तो बैंड बाजे फ्री होते हैं और घोड़े हाथी और रथ भी। धूमधाम से निकलती इस राम बारात को लेकर आपके मन में एक सवाल जरूर उठता होगा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की बारात निकलती तो है लेकिन जाती कहां है क्योंकि अयोध्या तो श्री राम की जन्मभूमि है और माता सीता का घर जनकपुर नेपाल में है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको अयोध्या और मिथिला के आपसी रिश्तों को समझना होगा।

 

Marriage Panchami Lord Shri Ram’s marriage in Ayodhya : अब जो आपको बताने जा रहे हैं उसको सुनने के बाद आप चौंक जाएंगे। अयोध्या भले श्री राम की जन्म भूमि है लेकिन अयोध्या में मिथिला भी है। दरअसल रसिक संप्रदाय से जुड़े साधु संत सीता को प्रमुखता देते हैं और खास तौर पर माता सीता की आराधना करते हैं। यह सभी साधु अपने नाम के आगे शरण लगाते हैं। जबकि अपने नाम के आगे दास लगाने वाले साधु संत प्रभु श्री राम को ही अपना सब कुछ मानते हैं और माता-पिता की आराधना उनकी धर्मपत्नी होने की नाते करते हैं।

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अब आप पूरी कहानी समझ गए होंगे और अगर नहीं समझे तो हम बता देते हैं। बारात लेकर जाने वाले और उसमें शामिल बाराती दास संप्रदाय से जुड़े होते हैं और उन्हीं के मंदिरों से बारात निकलती है और सीता पक्ष यानी रसिक संप्रदाय के उन संतो के मंदिरों में जाती है जो अपने नाम के आगे शरण लगते हैं। बारात पहुंचने पर वर पक्ष और कन्या पक्ष के बीच वह सभी रस्म निभाई जाती है जो सामान्यत किसी विवाह समारोह में होती है। पूरे विधि विधान के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और माता सीता की शादी संपन्न होती है।

 

अयोध्या में अगहन शुक्ल पक्ष की पंचमी को इस धूमधड़ाके के साथ श्रीराम की बारात निकलती है जैसे त्रेता युग में कभी निकली रही होगी। इस बारात में ढोल नगाड़े , बैंड बाजे, रथ घोड़े सभी कुछ दिखाई देते हैं। पुष्प की वर्षा के बीच महिला पुरुष बच्चे बूढ़े सभी भक्ति भाव से नाचते गाते दिखाई देते हैं और प्रभु की भक्ति में ऐसे डूब जाते हैं कि उन्हें अपना होश ही नहीं रहता उन्हें तो बस प्रभु श्री राम दिखाई देते हैं और उनकी बारात में शामिल होकर वह भक्ति भाव की सारी सीमा लांघ जाते हैं।

 

(अयोध्या से अपूर्व पाठक की रिपोर्ट)

 

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