कुशीनगर (उप्र), 11 नवंबर (भाषा) कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर की अंतिम यात्रा मंगलवार सुबह कुशीनगर जिले में निकाली गई। इसमें 40 देशों से 10 हजार से अधिक श्रद्धालु, भिक्षु और अनुयायी शामिल हुए।
यह यात्रा बर्मी बौद्ध विहार से शुरू हुई और शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए विहार श्मशान घाट पर समाप्त हुई। इस यात्रा में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और बाबू सिंह कुशवाहा तथा पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य शामिल हुए।
म्यांमा के राजदूत जाऊ ऊ, रंगून के भंते न्यानीसर सीतागु और एशिया के कई वरिष्ठ भिक्षुओं ने भदंत ज्ञानेश्वर को श्रद्धांजलि दी। म्यांमा, थाईलैंड, श्रीलंका, नेपाल, चीन और अन्य बौद्ध देशों के भिक्षुओं ने भारतीय अनुयायियों के साथ मिलकर उन्हें भावभीनी विदाई दी। अंतिम यात्रा मार्ग पर विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने ‘भंते ज्ञानेश्वर अमर रहें’ के नारे लगाये।
भंते ज्ञानेश्वर (90) का पिछली 31 अक्टूबर को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर कुशीनगर स्थित म्यांमा मंदिर में रखा गया था जहां जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और म्यांमा के दूत सहित गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
दिवंगत बौद्ध धर्मगुरु को याद करते हुए भंते नंदरत्न ने कहा, ”गुरुजी ने हमें मन को शीशे की तरह निर्मल और द्वेष से मुक्त रखना सिखाया।”
भंते ज्ञानेश्वर की शिष्या उपासिका धम्म नैना ने बताया कि उनके गुरु की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार मंदिर परिसर में ही किया जाए।
भाषा सं. सलीम अमित
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