मरम्मत के इंतजार से त्रस्त स्थानीय निवासियों ने की सड़क की ‘तेरहवीं’

मरम्मत के इंतजार से त्रस्त स्थानीय निवासियों ने की सड़क की 'तेरहवीं'

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  • Publish Date - August 13, 2025 / 12:54 AM IST,
    Updated On - August 13, 2025 / 12:54 AM IST

सहारनपुर (उप्र), 12 अगस्त (भाषा) सहारनपुर जिले के हकीकत नगर में पिछले एक साल से सड़क की मरम्मत की बाट जोह रहे स्थानीय लोगों ने अपना इंतजार खत्म नहीं होते देख निराश होकर सड़क का ‘तेरहवीं’ संस्कार करके अपना विरोध दर्ज कराया।

इस असामान्य विरोध प्रदर्शन की घोषणा एक दिन पहले सोशल मीडिया पर एक व्यंग्यात्मक श्रद्धांजलि के साथ की गई थी। इसमें कहा गया था, ”गहरे दुख के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि हमारी प्यारी हकीकत नगर सड़क पिछले साल नगर निगम की इच्छा के अनुसार गोलोक के लिए प्रस्थान कर गई है। इस सड़क की आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं की रस्म 12 अगस्त 2025, दिन मंगलवार को आयोजित की जाएगी।”

तेरहवीं एक ऐसी रस्म है जो खासकर हिंदू धर्म में किसी की मौत के 13वें दिन आयोजित की जाती है।

योजना के तहत मंगलवार को स्थानीय लोग सड़क की एक बड़ी तस्वीर लेकर इकट्ठा हुए, उसे सफ़ेद चादर से ढका और पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और व्यापारी भी शामिल हुए।

हकीकत नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमित सेठी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कलेक्ट्रेट को दीवानी अदालत से जोड़ने वाली यह सड़क पिछले 10 महीनों से मुख्यमंत्री ग्रिड योजना के तहत बन रही थी। उन्होंने कह कि हालांकि 31 जुलाई को निर्माण कंपनी को गुणवत्ता मानकों को पूरा न करने के आरोप में काली सूची में डाल दिए जाने के बाद काम अचानक रोक दिया गया।

सेठी ने बताया, ”जब हमने महापौर और अधिकारियों के सामने यह मुद्दा उठाया, तो उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि आठ दिनों के भीतर वे सड़क पर जमा हो रहे सीवेज के पानी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे और सड़क पर एक पतली परत बिछा देंगे ताकि बच्चे, महिलाएँ और बुजुर्ग घायल न हों। उन्होंने निर्माण मलबा हटाने का भी वादा किया। मगर 10 दिनों के बाद भी कोई काम नहीं होने पर हमने विरोधस्वरूप यह तेरहवीं का कार्यक्रम किया है, ताकि अधिकारियों की आंखें खुलें।”

उन्होंने कहा कि यह सड़क एक प्रमुख मार्ग है जिसका उपयोग जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से करते हैं। उन्होंने कहा कि फिर भी 20 करोड़ रुपये से अधिक का बजट स्वीकृत होने के बावजूद इसे उपेक्षित किया गया है।

भाषा सं. सलीम अमित

अमित