Karwa Chauth Video/Image Credit: @pawanks1997 X Handle
Karwa Chauth Video: आगरा: करवा चौथ का त्योहार को विश्वास, प्रेम और समर्पण का प्रतिक माना जाता है, लेकिन कई बार ऐसी खबरे भी सामने आती है जिसे जानकर हर कोई हैरान रह जाता है। उत्तर प्रदेश के आगरा से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। दरअसल, एक युवक की लंबी उम्र के लिए उसकी दो पत्नियों ने करवा चौथ का व्रत रखा और दोनों ने साथ में ही पूजा भी की। दोनों के व्रत खोलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही चर्चा का केंद्र बन गया।
Karwa Chauth Video: मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला आगरा के एत्माद्दौला क्षेत्र के नगला बिहारी इलाके का है। इस इलाके में रहने वाले रामबाबू निषाद की दो पत्नियां शीला देवी और मन्नू देवी एक ही घर में रहती है। करवा चौथ के दिन दोनों ने मिलकर व्रत रखा, चांद को अर्घ्य दिया और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोला। जब लोगों ने इस नज़ारे को देखा तो सभी हैरान रह गए।
आगरा में करवाचौथ पर एक पति की दो पत्नियों ने साथ में व्रत रखा। पति ने दोनों को साथ में पानी मिलाकर उपवास तुड़वाया। युवक और उसकी दोनों पत्नियों का साल 2023 में भी वीडियो वायरल हुआ था। #KarwaChauth #agra pic.twitter.com/JapVYgpYZk
— Pawan Kumar Sharma (@pawanks1997) October 11, 2025
Karwa Chauth Video: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, रामबाबू की शादी 10 साल पहले शीला देवी से हुई थी, जिनसे उनके बच्चे भी हैं। शादी के कुछ सैलून बाद रामबाबू को मन्नू देवी से प्यार हो गया। बातचीत के सिलसिले ने धीरे-धीरे रिश्ते का रूप ले लिया। इसके बाद दोनों ने मंदिर में विवाह कर लिया। इन सब के बीच सबसे ख़ास बात ये रही कि, रामबाबू की पहली पत्नी शीला देवी ने इस रिश्ते का विरोध नहीं किया, बल्कि मन्नू को खुले दिल से स्वीकार किया। आज दोनों महिलाएं एक-दूसरे को बहन की तरह मानती हैं और एक ही परिवार में हंसी-खुशी रहती हैं।
Karwa Chauth Video: रामबाबू की दूसरी पत्नी मन्नू देवी ने कहा कि, ‘हम दोनों ने मिलकर अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा। हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है, क्योंकि हमने एक-दूसरे को परिवार की तरह अपना लिया है।’ शीला देवी के बच्चों को भी मन्नू अपना मानती हैं। वहीं रामबाबू निषाद ने कहा कि, ‘जहां सच्चा प्यार होता है, वहां झगड़े की कोई जगह नहीं होती।’ उनका घर इस बात की मिसाल बन गया है कि रिश्तों की मजबूती परंपराओं से नहीं, बल्कि आपसी सम्मान और समझ से तय होती है।