लखनऊ, 11 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार से जुड़े संगठित गिरोह में कथित तौर पर शामिल 10 से अधिक संदिग्धों की पहचान कर इस मामले में 120 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इस मामले की जांच राज्य सरकार द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) एल आर कुमार के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय एक विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि “जांच में अब तक 10 से अधिक लोगों की पहचान हुई है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे कई जिलों और राज्यों में सक्रिय मुख्य साजिश का हिस्सा हैं। सबूतों से पता चलता है कि इसमें निर्माताओं, वितरकों, ट्रांसपोर्टरों और स्थानीय संचालकों का एक सुनियोजित नेटवर्क शामिल है।’’
अधिकारी के अनुसार, अब तक 128 प्रतिष्ठानों और उनके संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। सरकार इसे राज्य में अवैध दवा तस्करी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बता रही है।
उन्होंने बताया कि पहचाने गए लोगों को पकड़ने के लिए कई स्थानों पर छापेमारी जारी है, वहीं जांचकर्ता वित्तीय लेनदेन, अंतरराज्यीय संबंधों और कानूनी रूप से निर्मित कफ सिरप की अवैध बाजार में संभावित तस्करी की भी जांच कर रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अन्य राज्यों में कोडीन युक्त कफ सिरप के दुरुपयोग से संबंधित घटनाओं का स्वतः संज्ञान लेने के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई।
अधिकारी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया है और निर्देश दिया है कि पद या प्रभाव की परवाह किए बिना, इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए। ’’
भाषा
किशोर आनन्द सुरभि रवि कांत