उप्र: जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम से संबंधित संशोधन विधानसभा में पारित

उप्र: जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम से संबंधित संशोधन विधानसभा में पारित

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  • Publish Date - August 11, 2025 / 05:54 PM IST,
    Updated On - August 11, 2025 / 05:54 PM IST

लखनऊ, 11 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 2024 से संबंधित संशोधन पारित कर दिया गया। अध्यक्ष सतीश महाना ने यह जानकारी दी।

विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना ने सदन में यह प्रस्ताव रखा।

सक्सेना ने बताया कि संसद ने 15 फरवरी 2024 को यह प्रस्ताव अधिनियमित किया था।

मंत्री ने बताया कि इस संशोधन अधिनियम का उद्देश्य व्यापार करने में सुगमता के लिए मूल अधिनियम जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 ( 1974 का अधिनियम संख्या-छह) के उपबंध को गैर अपराधीकृत करना और राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के नामांकन प्रक्रिया को व्यवस्थित करना है।

सक्सेना के प्रस्ताव पर अध्यक्ष ने सदन के सदस्यों की राय जानी और सर्वसम्मति से इसे पारित करने की घोषणा की।

विशेषज्ञों के अनुसार, नये अधिनियम में जल प्रदूषण से संबंधित छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और केन्‍द्र व राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्षों को सेवा शर्त निर्धारित करने में सक्षम बनाने व कुछ श्रेणियों के औद्योगिक संयंत्रों को वैधानिक प्रतिबंधों से छूट देने का प्रावधान है।

विशेषज्ञों ने बताया कि इस अधिनियम से विकास और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जीवन और कारोबार को आसान बनाने में सामंजस्य स्थापित होगा।

भाषा आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र