लखनऊ, 10 जनवरी (भाषा) एक विशेष अदालत ने कानपुर में दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को मंगलवार को जमानत दे दी।
भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम अदालत के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण ने आदेश पारित करते हुए कहा कि जिन अपराधों के लिए पाटीदार को गिरफ्तार किया गया था और जेल भेजा गया था उसके लिए अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी को मामले में गिरफ्तारी के 60 दिनों के भीतर मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की आवश्यकता थी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जांच एजेंसी ने 60 दिनों की वैधानिक अवधि के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रही और इसलिए पाटीदार जमानत के हकदार हैं। शिकायतकर्ता पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नीतीश पांडे ने महोबा के कोतवाली नगर में पाटीदार और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी व्यक्ति बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर काम करने वाले उसके ट्रक ड्राइवरों से पैसे वसूल रहे थे।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलंबित अधिकारी पाटीदार पर आरोप था कि उन्होंने कंपनी के कर्मचारी अमित तिवारी को प्रति माह दो लाख रुपये देने का दबाव बनाने के लिए बुलाया था।
क्रसर व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में पाटीदार को 15 अक्टूबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था। बाद में 29 अक्टूबर को वर्तमान मामले में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। जांच एजेंसी को 27 दिसंबर 2022 तक आरोप पत्र दाखिल करने की आवश्यकता थी, लेकिन जांच एजेंसी मंगलवार तक आरोपपत्र दाखिल नहीं कर सकी।
भाषा सं आनन्द आशीष
आशीष