UP Teacher Attendence : आखिर कब खत्म होगा यूपी टीचर्स का विरोध प्रदर्शन? अपनी इन मांगों को लेकर अड़े यूपी के शिक्षक
UP Teacher Attendence : शिक्षकों के लगातार विरोध के बाद भी सरकार अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
UP Teacher Attendence
UP Teacher Attendence : उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस का मुद्दा चर्चा में है। शिक्षकों के लगातार विरोध के बाद भी सरकार अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं है। अब योगी सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया है कि तीन दिन तक ऑनलाइन हाजिरी (online attendance) दर्ज न कराने वालों का वेतन रोक दिया जाएगा। डिजिटल अटेंडेंस दर्ज न कराना विभागीय आदेश की अवहेलना मानी जाएगी। ऐसी स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। शिक्षकों का कहना है कि प्रशासन का यह रवैया शिक्षकों की अस्मिता पर चोट करने वाला है।
दिन में तीन बार मांगी जा रही है शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस
बिजनौर जिले के विकास क्षेत्र अलहैपुर धामपुर में प्राथमिक विद्यालय चांदनवाला के शिक्षक संतोष कुमार ने कहा कि प्रशासन का आदेश यह है कि शिक्षक स्कूल के निर्धारित समय से आधा घंटे पहले और शिक्षण कार्य समाप्त करने के आधे घंटे बाद विद्यालय से जाएं। एक शिक्षक की हाजिरी तीन बार मांगी गई है, एक सुबह के समय, एक शिक्षण कार्य के बीच और एक स्कूल से निकलने से पहले।
प्रशासन का मानना है कि ऑनलाइन हाजिरी होने से शिक्षक विद्यालय से नदारत नहीं रह पाएगा। वह चाहे कितनी भी कोशिश कर ले विद्यालय नहीं छोड़ पाएगा। ऐसे में अगर किसी शिक्षक की तबियत बिगड़ती है या उसके किसी परिचित के साथ कोई ट्रेजडी हो जाती है तो उसका क्या होगा? क्योंकि ऐसे स्थिति में शिक्षकों के लिए कोई प्रावधान नहीं है ना कोई हाफ डे ना कोई EL। शिक्षक को सालभर में मात्र 14 CL मिलती हैं।
अगर कोई शिक्षक इमरजेंसी में स्कूल से चला भी जाता है तो उसके जाने के बाद जांच के लिए आने वाले अधिकारी आते हैं तो शिक्षक का वेतन रोक दिया जाता है। संतोष कुमार ने कहा कि अपने गृह जनपद से 500-1000 किलोमीटर दूर किसी अनजान जिले में नौकरी करना कड़ी तपस्या से कम नहीं होता। परिवार से दूर रहने, खाने-पीने जैसी कई समस्याएं हैं जिनसे जूझते हुए एक शिक्षक अपनी नौकरी करता है।
शिक्षकों की मांग
मुख्य तौर पर शिक्षकों की चार मांगे हैं जिसमें 31 EL, 15 हाफ डे लीव, कैशलेस चिकित्सा (बिना प्रीमियम), और डिजिटल हाजिरी की व्यवहारिक समस्याओं के लिए विस्तृत नियमावली। हालांकि उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से शिक्षकों के लिए 18 मांगों को लेकर एक मांग पत्र जारी किया गया है।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को 11 जुलाई से अनिवार्य रूप से डिजिटल अटेंडेंस (digital attendance) दर्ज कराने का आदेश दिया था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों के कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों ने सरकार के आदेश को अव्यवहारिक बताया है। यूपी के कई जिलों में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कई संगठनों से जुड़े शिक्षकों ने जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। बाराबंकी-उन्नाव में डिजिटल अटेंडेंस न लगाने पर शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश दिया गया है।

Facebook



