उप्र में ‘सृजन शक्ति : संतुलित विकास एवं पर्यावरणीय झंडाबरदारी’ थीम पर कार्यशाला का आयोजन

उप्र में 'सृजन शक्ति : संतुलित विकास एवं पर्यावरणीय झंडाबरदारी' थीम पर कार्यशाला का आयोजन

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  • Publish Date - November 24, 2025 / 10:56 PM IST,
    Updated On - November 24, 2025 / 10:56 PM IST

लखनऊ, 24 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश को भविष्योन्मुख विकास के नए प्रतिमानों के अनुरूप परिवर्तित करने की तैयारियों के क्रम में विकसित उत्तर प्रदेश-2047 के तहत सोमवार को ‘सृजन शक्ति : संतुलित विकास एवं पर्यावरणीय झंडाबरदारी’ थीम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना ने किया।

राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक यह कार्यशाला स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की भविष्योन्मुख कार्यप्रणाली का चित्रण प्रस्तुत करने का माध्यम बनी। कार्यशाला में इस बात पर जोर दिया गया कि विकास एवं पर्यावरणीय संरक्षण को सम्मिलित करते हुए संतुलित एवं समग्र विकास सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।

बयान के अनुसार कार्यशाला में प्रदूषणमुक्त विकास को नीति-निर्माण एवं कार्यान्वयन के प्रत्येक स्तर पर पर्याप्त महत्व प्रदान किये जाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

इस कार्यशाला में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, तकनीकी विशेषज्ञों, शैक्षणिक संस्थानों तथा प्रमुख हितधारकों ने सतत एवं जलवायु समग्र विकास के लिये दीर्घकालिक रणनीतियों पर व्यापक विचार-विमर्श किया और रोडमैप को लेकर सुझाव प्रस्तुत किये।

वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सक्सेना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में क्षमता विकास तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में आईटीआई, पॉलिटेक्निक, कौशल विकास केंद्र तथा निजी प्रशिक्षण संस्थान खुल रहे हैं। यह रोजगार और विकास को नयी दिशा दे रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आम नागरिकों को प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक बनाने के लिए जन-जागरुकता कार्यक्रम कराया जाए। समुदाय की भागीदारी तथा विभागों के मध्य सुदृढ़ समन्वय सुनिश्चित किया जाए ताकि सभी विकास परियोजनाएं पर्यावरणीय दृष्टि से उत्तरदायी एवं सामाजिक रूप से समावेशी बन सकें।

भाषा

सलीम रवि कांत