उप्र विधानसभा परिसर में सपा का प्रदर्शन, कोडीन कफ सिरप मामले में सरकार पर लगाए आरोप

उप्र विधानसभा परिसर में सपा का प्रदर्शन, कोडीन कफ सिरप मामले में सरकार पर लगाए आरोप

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 11:44 AM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 11:44 AM IST

लखनऊ, 22 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को विधान भवन के मुख्य द्वार पर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने कोडीन कफ सिरप के कथित अवैध कारोबार समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।

सोमवार को सुबह 10 बजे विपक्षी सपा सदस्य हाथों में सरकार विरोधी नारे लिखी तख्तियां लेकर विधान भवन के मुख्य द्वार पर पहुंचे और चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया।

सपा के विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों ने हाथों में तख्तियां लहराते हुए कोडीन कफ सिरप के कथित अवैध कारोबार से जुड़े आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की और सरकार पर कुछ लोगों को बचाने का आरोप भी लगाया।

सपा सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर संविधान और आरक्षण का हनन करने, मातृशक्ति के अधिकारों को कुचलने, छात्र-नौजवानों की नौकरियों में आरक्षण खत्म करने जैसे अन्य कई आरोप लगाए।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने पत्रकारों से कहा कि ‘‘यह प्रदर्शन करने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि सरकार विषयों को गंभीरता से नहीं ले रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह कोडीन बड़ा गंभीर मामला है और इसमें हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। सरकार को शीघ्रता से कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन उसने नहीं की। सरकार के पास तमाम संसाधन थे लेकिन जब समाजवादी पार्टी ने इस पर आवाज उठायी तो उसने कार्रवाई शुरू की लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है।’’

सपा के कई सदस्य अपनी पीठ पर कोडीन कफ सिरप घोटाले का पोस्टर लगाकर घूम रहे थे।

सपा सदस्यों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर सरकार और निर्वाचन आयोग पर मतदाताओं के नाम काटे जाने का आरोप लगाया। सपा सदस्य चंद्रप्रकाश लोधी ने पत्रकारों से कहा कि केवल मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। कोडीन कफ सिरप पर सरकार अपने लोगों को बचाने में लगी है और हम लोग आज इसके विरोध में सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।

सपा सदस्य राम खिलाड़ी यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप को लेकर माफिया ने 700 अवैध कंपनी बनाकर कारोबार शुरू किया लेकिन सरकार माफिया के आगे लाचार बनी हुई है।

भाषा आनन्द

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