China imposes sanctions on 20 US companies, image source: ABC
बीजिंग: China imposes sanctions on 20 US companies, चीन ने ताइवान को रिकॉर्ड 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार बिक्री पैकेज को मंजूरी देने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के फैसले के जवाब में अमेरिका की 20 रक्षा कंपनियों पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिया। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में चेतावनी दी कि ताइवान मुद्दे पर चीन को उकसाने की किसी भी कोशिश का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
ताइवान को बड़े पैमाने पर हथियारों की बिक्री की ट्रंप प्रशासन की घोषणा के जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग ने अमेरिका की रक्षा क्षेत्र की 20 कंपनियों और 10 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का फैसला किया है, जो हाल के वर्षों में ताइवान को हथियार उपलब्ध कराने में शामिल रहे हैं।
China imposes sanctions on 20 US companies, मंत्रालय ने कहा, ‘‘ताइवान का मुद्दा चीन के मूल हितों के केंद्र में है और यह चीन-अमेरिका संबंधों की राह में वह पहली ‘लक्ष्मण रेखा’ है, जिसे पार नहीं किया जाना चाहिए। जो कोई भी इस रेखा को पार करने और ताइवान के मुद्दे पर उकसावे की कार्रवाई करने की कोशिश करेगा, उसे चीन की कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा।’’
मंत्रालय ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह एक-चीन सिद्धांत का पालन करे, ताइवान को हथियारों से लैस करने के खतरनाक प्रयास रोके, ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता को कमजोर न करे और ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ की समर्थक अलगाववादी ताकतों को गलत संदेश भेजना बंद करे।
उसने कहा कि चीन राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की मजबूती से रक्षा करने के लिए कड़े कदम उठाना जारी रखेगा। इन प्रतिबंधों को अधिकतर प्रतीकात्मक माना गया है, क्योंकि जिन अमेरिकी रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें से अधिकतर का चीन में कोई कारोबार नहीं है।
हथियारों की प्रस्तावित बिक्री (जिसके लिए अमेरिकी संसद की मंजूरी जरूरी है) की बात ऐसे समय में हो रही है, जब ताइपे में चीन के संभावित हमले को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। चीन इस स्व-शासित द्वीप को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है।
अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर इस पैकेज को मंजूरी मिल जाती है, जिसकी संभावना अमेरिकी संसद में ताइवान के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन को देखते हुए बहुत व्यापक है, तो यह पूर्ववर्ती बाइडन प्रशासन के दौरान ताइवान को बेचे गए 8.4 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के हथियारों से अधिक होगा।