(केजेएम वर्मा)
बीजिंग, 29 दिसंबर (भाषा) चीन ने सोमवार को कहा कि वह सोमालीलैंड को इजराइल द्वारा “स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र” के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता देने और उसके साथ “राजनयिक संबंध स्थापित करने” के समझौते का कड़ा विरोध करता है।
इजराइल शुक्रवार को सोमालीलैंड को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया, जिसने 1991 में सोमालिया से अलग होकर स्वतंत्रता की घोषणा की थी। उस समय देश में संघर्ष की स्थिति थी।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा कि बीजिंग सोमालिया की संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता का दृढ़ समर्थन करता है और किसी भी ऐसे कदम का विरोध करता है जो सोमाली क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करे।
लिन ने कहा कि सोमालीलैंड का मुद्दा पूरी तरह से सोमालिया का आंतरिक मामला है और इसे सोमाली लोगों द्वारा उनके राष्ट्रीय परिस्थितियों और संविधान के अनुरूप हल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के बाहर के देशों को अनुचित हस्तक्षेप बंद करना चाहिए और किसी भी देश को अपने स्वार्थ के लिए दूसरे राष्ट्र के भीतर अलगाववादी ताकतों को उकसाना या उनका समर्थन नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सोमालीलैंड के अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे स्थिति को समझें और तुरंत अलगाववादी गतिविधियों और बाहरी ताकतों के साथ मिलीभगत को बंद करें।’’
उन्होंने कहा कि सोमालिया की संघीय सरकार ने शुक्रवार को इजराइल द्वारा सोमालीलैंड को मान्यता देने के कदम को गैरकानूनी बताते हुए इसका पुरजोर खंडन किया और इस बात की पुष्टि की कि उत्तरी क्षेत्र सोमालिया के संप्रभु क्षेत्र का अभिन्न अंग बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि अफ्रीकी संघ, अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन ने सोमालीलैंड को इजराइल द्वारा स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दिए जाने को शनिवार को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुसार, सोमालीलैंड सोमाली क्षेत्र का अभिन्न अंग है।
भाषा अमित नरेश
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