सहयोगियों, साझेदारों के साथ बेहतर साझीदारी की खातिर ‘चाइना टास्क फोर्स’ का गठन किया: ऑस्टिन

सहयोगियों, साझेदारों के साथ बेहतर साझीदारी की खातिर ‘चाइना टास्क फोर्स’ का गठन किया: ऑस्टिन

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  • Publish Date - June 18, 2021 / 05:43 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 18 जून (भाषा) अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि उनके देश के लिए चीन एक ‘‘बढ़ती चुनौती’’ है तथा यह बहुत अधिक आवश्यक है कि अमेरिका रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ बेहतर साझेदारी के लिए अवसर पैदा करने पर अधिक ध्यान दे।

रक्षा विभाग के लिए 2022 के बजट अनुरोध पर सुनवाई के दौरान सीनेट की विनियोजन समिति के सदस्यों से ऑस्टिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्य रूप से उनका ध्यान चीन पर है। उन्होंने कहा, ‘‘चीन हमारे लिए एक बढ़ती चुनौती है और मेरा मुख्य ध्यान उसी पर है, हमारे कदमों से यह जाहिर भी है। विदेश मंत्री ब्लिंकन के साथ मेरी पहली विदेश यात्रा हिंद-प्रशांत क्षेत्र की थी।’’

ऑस्टिन ने कहा कि इसीलिए उन्होंने चाइना टास्क फोर्स का भी गठन किया है। उनसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को चीन से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों के बारे में सवाल किया गया था। उन्होंने बताया कि चाइना टास्क फोर्स ने पिछले हफ्ते अपना काम पूरा कर लिया और उन्होंने एक आंतरिक निर्देश जारी किया है जिसके साथ ही व्यापक कदमों की शुरुआत भी हो गई है जो बीजिंग की चुनौती का सामना करने की क्षमता को बढ़ाएंगे, क्षेत्रीय सहयोगियों और साझेदारों के साथ नेटवर्क को नई ऊर्जा से भरेंगे और अत्याधुनिक क्षमताओं एवं परिचालन संबंधी नई अवधाराणाओं के विकास को गति देंगे।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं पहली विदेश यात्रा पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गया जहां मैंने जापान तथा दक्षिण कोरिया में अपने सहयोगियों से मुलाकात की। इसके बाद हमारे साझेदार से मिलने मैं भारत गया और हाल में आसियान देशों के शिखर सम्मेलन में गया जहां इस बारे में विचार साझा किए कि हम किस तरह एकसाथ मिलकर बेहतर काम कर कर सकते हैं।’’

मार्च में आस्टिन भारत गए थे जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।

ऑस्टिन ने कहा, ‘‘चाइना टास्क फोर्स के जरिए हमने ऐसे अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया जिससे क्षेत्र में अपने साझेदारों और सहयोगियों के साथ बेहतर तरीके से साझीदारी कर सकें क्योंकि मेरा मानना है कि यह वाकई में महत्वपूर्ण है।’’

उल्लेखनीय है कि भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य दखल की पृष्ठभूमि में मुक्त एवं स्वतंत्र क्षेत्र की अहमियत पर जोर दे रहे हैं। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता है जबकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया तथा वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा जताते हैं।

भाषा

ंेमानसी मनीषा गोला

गोला