बीजिंग, 29 सितंबर (भाषा) चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का वार्षिक पूर्ण अधिवेशन अक्टूबर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें नयी पंचवर्षीय योजना, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘टैरिफ’ नीति से उत्पन्न स्थिति, ‘टिकटॉक’ पर नियंत्रण हासिल करने के उनके (ट्रंप के) प्रयासों और चीनी अर्थव्यवस्था के सामने पेश आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।
वरिष्ठ पार्टी नेताओं का 370 सदस्यीय निकाय देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति के अलावा, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा कर सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य वैश्विक नेता शामिल हुए।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में सोमवार को हुई प्रभावशाली राजनीतिक ब्यूरो की बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पूर्ण अधिवेशन 20-23 अक्टूबर को बीजिंग में आयोजित किया जाएगा।
बयान के मुताबिक, बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए 15वीं पंचवर्षीय योजना (2026-2030) के निर्माण से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
इसमें कहा गया है कि नयी पंचवर्षीय योजना पर चर्चा में विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में जारी आर्थिक सुस्ती, घरेलू खपत में ठहराव, उभरती संभावना वाले क्षेत्रों, खास तौर पर ई-वाहन क्षेत्र में मांग से कहीं अधिक उत्पादन और ट्रंप की टैरिफ नीति एवं निर्यात प्रतिबंधों से पड़ने वाले असर को ध्यान में रखे जाने की उम्मीद है।
चीन में बेरोजगारी दर लगभग 20 प्रतिशत बताई जा रही है, जिससे सीपीसी नेतृत्व चिंतित है।
चिनफिंग ने अपने हालिया भाषणों में पार्टी से “आगे की ओर देखने वाला दृष्टिकोण” अपनाने और चीन पर बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य के प्रभाव पर विचार करने का आग्रह किया है।
बयान के अनुसार, पूर्ण अधिवेशन में अनुमोदन के बाद मसौदा अगले साल मार्च में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (चीनी संसद) के समक्ष पेश किया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि अक्टूबर में सीपीसी का पूर्ण अधिवेशन चिनफिंग के दक्षिण कोरिया में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने से एक हफ्ते पहले आयोजित किया जाएगा, जहां उनके ट्रंप से मिलने की संभावना है।
दोनों नेताओं ने हाल ही में फोन पर बातचीत की थी। ट्रंप ने दावा किया था कि चिनफिंग ने लोकप्रिय चीनी ऐप ‘टिकटॉक’ में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने से जुड़े अमेरिकी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। दोनों देश ट्रंप के टैरिफ को लेकर एक नए व्यापार समझौते पर पहुंचने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
बयान के मुताबिक, पूर्ण अधिवेशन में पिछले कुछ हफ्तों के अहम घटनाक्रमों पर भी चर्चा किए जाने की उम्मीद है, जिनमें 31 अगस्त से एक सितंबर तक तियानजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन शामिल है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित अन्य प्रमुख वैश्विक नेताओं ने हिस्सा लिया था।
यह सात साल में मोदी की पहली चीन यात्रा थी। इसे बेहद महत्वपूर्ण माना गया था, क्योंकि यह रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर अमेरिका और भारत के रिश्तों में बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हुई थी।
मोदी और चिनफिंग ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद ठहरे द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर गहन बातचीत की थी।
भाषा पारुल पवनेश
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