हिंसा जारी रहने से शांति प्रक्रिया को लेकर उम्मीद अफगान नागरिकों की उम्मीद घटी: रिपोर्ट

हिंसा जारी रहने से शांति प्रक्रिया को लेकर उम्मीद अफगान नागरिकों की उम्मीद घटी: रिपोर्ट

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  • Publish Date - December 11, 2020 / 11:38 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

काबुल, 11 दिसंबर (एपी) अफगानिस्तान में हाल के महीनों में बढ़ी हिंसा के कारण अफगान नागरिकों का देश की शांति प्रक्रिया के प्रति उम्मीद काफी हद तक घटी है।

‘द इंस्टीट्यूट ऑफ वार एंड पीस स्टडिज’ ने शुक्रवार को जारी अपने नए सर्वेक्षण में कहा है कि 29 सितंबर से 18 अक्टूबर के बीच हुए सर्वे में आशावाद 57 प्रतिशत रह गया है। इससे पहले इंस्टीट्यूट ने गर्मियों में किए गए सर्वेक्षण का निष्कर्ष अगस्त में जारी किया था उस वक्त आशावाद 86 प्रतिशत था।

अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच कतर में जारी शांति वार्ता में पिछले सप्तह तक गतिरोध की स्थिति बनी हुई थी, उसके बाद मिली सफलता में दोनों पक्षों में बातचीत के नियमों और प्रक्रिया को लेकर सहमति बन गई है।

लेकिन, सितंबर से शुरू हुई इस शांति वार्ता के बाद से देश में हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं। तालिबान ने एक ओर जहां अमेरिकी और नाटो बलों पर हमला नहीं करने के अपने वादे को निभाया है, वहीं वह अफगान बलों पर लगातार जानलेवा हमले कर रहा है।

काबुल के इस थिंक टैंक ने अपने सर्वे में पाया कि 75.9 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि सरकार और तालिबान के बीच बातचीत में संघर्षविराम समझौता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। वहीं 71 प्रतिशत लोगों का मानना है कि देश को शांति समझौते के बाद अपनी सेना और सुरक्षा बलों को समाप्त नहीं करना चाहिए। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हालांकि इस विचार की आलोचना की है।

एपी अर्पणा पवनेश

पवनेश