अमेरिका: सकारात्मक कार्रवाई को खत्म करने से विविधता के नये रास्ते तलाशने को मजबूर महाविद्यालय

अमेरिका: सकारात्मक कार्रवाई को खत्म करने से विविधता के नये रास्ते तलाशने को मजबूर महाविद्यालय

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  • Publish Date - June 30, 2023 / 09:15 PM IST,
    Updated On - June 30, 2023 / 09:15 PM IST

वाशिंगटन, 30 जून (एपी) अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले के जरिये उच्च शिक्षा को स्तब्ध कर दिया है। न्यायालय ने ‘सकारात्मक कार्रवाई’ को खत्म कर दिया है और देश भर के महाविद्यालयों को छात्र विविधता को बढ़ावा देने के नये तरीके ढूंढने के लिए मजबूर कर दिया है।

‘सकारात्मक कार्रवाई’ एक नीतिगत पहल है, जिसमें रोजगार या शिक्षा के अवसरों का विस्तार करने के लिए किसी कंपनी या सरकारी संगठन द्वारा किसी व्यक्ति की राष्ट्रीयता, लिंग, धर्म और जाति को ध्यान में रखा जाता है। इस तरह की पहल से, सरकार वंचित नागरिकों को प्रदान किये गये अवसरों को बढ़ाने की योजना बनाती है।

कई विश्वविद्यालयों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि वे इसे ‘विविधता’ पर आघात के रूप में देखते हैं और इससे निराश हैं, हालांकि कई लोग इस बात को लेकर अब भी आशावादी हैं कि वे अश्वेत और लातिन अमेरिकी मूल के विद्यार्थियों को प्रवेश देने के नये तरीके खोज लेंगे। यह बात दीगर है कि इस बात के सबूत मौजूद हैं कि ऐसी प्रथा को समाप्त करने से अक्सर उनके नामांकन में तेजी से गिरावट आती है।

राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह इस फैसले से असहमत हैं और उन्होंने शिक्षा विभाग से ऐसी नीतियों का पता लगाने को कहा है जो विद्यालयों को विविध छात्र निकाय बनाने में मदद कर सकें।

बाइडन ने संवाददाताओं से कहा, “हमें देश को कभी भी उस सपने से दूर नहीं जाने देना चाहिए जिस पर इसकी स्थापना की गई थी।”

एपी सुरेश माधव

माधव