फेसबुक ने आस्ट्रेलिया में कड़े तेवर दिखाए, खबरें साझा करने पर लगाई रोक

फेसबुक ने आस्ट्रेलिया में कड़े तेवर दिखाए, खबरें साझा करने पर लगाई रोक

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  • Publish Date - February 18, 2021 / 11:39 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

कैनबरा, 18 फरवरी (भाषा) फेसबुक ने बृहस्पतिवार को कड़े तेवर दिखाते हुए आस्ट्रेलिया में खबरें साझा करने पर रोक लगा दी। सोशल मीडिया कंपनी के इस कदम से सरकार, मीडिया और शक्तिशाली टेक (प्रौद्योगिकी) कंपनियों के बीच तकरार बढ़ गई है।

आस्ट्रेलिया सरकार ने फेसबुक के कदम की निंदा की है। सोशल मीडिया कंपनी के इस कदम को आस्ट्रेलिया के एक मंत्री ने ‘‘एक संप्रभु देश पर हमला ’’ और शक्तियों का दुरूपयोग बताया है।

फेसबुक ने आपात सेवाओं के बारे में संदेश सहित कुछ सरकारी संवाद तथा कुछ वाणिज्यिक पेज को भी ‘ब्लॉक’ कर दिया है।

वित्त मंत्री जोश फ्राईडेनबर्ग ने कहा कि आस्ट्रेलिया की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) ने एक ऐसा विधेयक पारित किया है, जो फेसबुक और गूगल द्वारा आस्ट्रेलियाई पत्रकारिता के लिए भुगतान करने का प्रावधान करता है।

उन्होंने कहा कि फेसबुक ने यह कदम उठाने से पहले कोई चेतावनी नहीं दी। हालांकि, इस विधेयक के कानून का रूप लेने से पहले इसे संसद के उच्च सदन सीनेट द्वारा पारित किये जाने की जरूरत होगी।

दरअसल, फेसबुक को इस बात का डर सता रहा है कि आस्ट्रेलिया में जो कुछ हो रहा है, उसका अनुसरण अन्य देश भी करेंगे।

फ्राईडेनबर्ग ने कहा , ‘‘फेसबुक का यह कदम अनावश्यक था, वे सख्त रुख अपना रहे हैं और इससे उनकी आस्ट्रेलिया में छवि खराब होगी। ’’

फेसबुक ने कहा है कि प्रस्तावित कानून ने ‘‘हमारे मंच और इसका इस्तेमाल करने वाले प्रकाशकों के बीच संबंध को जरा भी नहीं समझा है। ’’

स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने संसद में कहा, ‘‘यह एक संप्रभु राष्ट्र पर हमला है। यह लोगों की स्वतंत्रता पर हमला है, खासतौर पर यह बड़ी प्रौद्योगिकियों की बाजार शक्ति और प्रौद्योगिकी पर नियंत्रण का पूरी तरह से दुरूपयोग है। ’’

सरकार ने फेसबुक पर आरोप लगाया है कि वह आपात सेवाओं के संदेश को अस्थायी तौर पर ‘ब्लॉक’ कर जन सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, वह भी एक ऐसे दिन, जब देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है।

संचार मंत्री पॉल फ्लेचर ने कहा कि उन्होंने फेसबुक से कहा है कि सरकार को अपने पेज तक पहुंच बहाल की जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य स्वास्थ्य विभाग, दमकल सेवा और आपात सेवा…के फेसबुक पेज ब्लॉक कर दिये गये हैं, यह जन सुरक्षा का मुद्दा है।’’

गूगल और फेसबुक, दोनों ने ही धमकी दी है कि यदि आस्ट्रेलिया ने यह कानून बनाया तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश के मीडिया बिजनेस को अपनी पत्रकारिता ( समाचारों) के लिए इन ऑनलाइन मंचों पर उचित रकम मिले।

आस्ट्रेलिया में यदि यह नया कानून लागू हो जाता है तो डिजिटल क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां समाचारों के लिए अदा की जाने वाली रकम को लेकर होने वाली सौदेबाजी में वर्चस्व रखने वाली स्थिति में नहीं होंगी। वे यह पेशकश नहीं कर पाएंगी कि बस इतनी रकम ले लो, या नहीं मिलेगा।

फेसबुक ने प्रस्तावित ‘न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड’ ( समाचार मीडिया सौदेबाजी संहिता) के प्रावधानों के तहत भुगतान करने के बजाय आस्ट्रेलिया में लोगों को अपने मंच पर खबरें साझा करने से रोकने की धमकी दी थी।

वहीं, गूगल ने धमकी दी थी कि वह आस्ट्रेलिया में अपने सर्च इंजन को हटा लेगा। हालांकि, गूगल की धमकी का अब कोई मतलब नहीं रह गया है क्योंकि उसने आस्ट्रेलियाई मीडिया कंपनियों के साथ सौदा कर लिया है। रूपर्ट मर्डोक के न्यूज कोर्प ने बुधवार को गूगल के साथ एक सौदा करने की घोषणा की। वहीं, सेवेन वेस्ट मीडिया ने इस हफ्ते की शुरूआत में एक सौदा किया था।

इस बीच, फ्राईडेनबर्ग ने कहा कि फेसबुक द्वारा पेज ब्लॉक करने का कदम उठाये जाने के बाद उन्होंने उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग से बात की।

मंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने (जुकरबर्ग ने) मुझसे कहा कि उन्हें प्रस्तावित कानून के प्रावधानों को लेकर कुछ चिंताएं हैं…। ’’

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस कानून के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ‘‘अन्य देश भी करीबी नजर रखे हुए हैं, लेकिन गूगल और फेसबुक तथा अन्य डिजिटल कंपनियां भी इसके परिणामों के बारे में सोच रही है…। ’’

एपी

सुभाष मनीषा

मनीषा