जिहादी दुल्हन शमीमा बेगम को सता रहा मौत का डर, हो सकती है फांसी, जानिए पूरा मामला

शमीमा ने 15 साल की उम्र में अपनी दो सहेलियों अमीरा अबासे और कदीज़ा सुल्ताना के साथ ब्रिटेन छोड़ दिया था। अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या शमीमा ने ISIS के लिए आत्मघाती हमलावर तैयार किए।

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  • Publish Date - June 14, 2022 / 07:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

jihadi bride shamima

jihadi bride Shamima Begum: दमिश्क। जिहाद के लिए सिर्फ 15 साल की उम्र में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने वाली ब्रिटिश नागरिक शमीमा बेगम, जो ‘जिहादी दुल्हन’ के नाम से दुनिया में प्रसिद्ध है। अब उसे जहन्नुम जाने का डर सता रहा है। महज 15 साल की उम्र में ब्रिटेन से भागकर आईएसआईएस में शामिल होने वाली शमीमा बेगम के खिलाफ अब आतंकवादी धाराओं में ट्रायल शुरू हो रहा है। अब शमीमा बेगम को लग रहा है कि उसे फांसी की सजा मिल सकती है। अधिकारियों ने शमीमा और ISIS से संबंधों की जांच के आदेश दिये हैं।

शमीमा की नागरिकता भी ब्रिटेन ने खत्म कर दी है। वहीं, कानूनी दिक्कतों के कारण वह बांग्लादेश भी नहीं जा सकती। अब जिहादी दुल्हन सीरिया के एक शरणार्थी कैंप में रह रही है, शमीमा ने 15 साल की उम्र में अपनी दो सहेलियों अमीरा अबासे और कदीज़ा सुल्ताना के साथ ब्रिटेन छोड़ दिया था। अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या शमीमा ने ISIS के लिए आत्मघाती हमलावर तैयार किए।

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ब्रिटेन लौटना चाहती है शमीमा

jihadi bride Shamima Begum: शमीमा के जानने वालों के अनुसार वह सीरिया के रोजवा क्षेत्र में रह रही है, उसे वहां की न्याय प्रणाली पर विश्वास नहीं है, इसलिए वह ब्रिटेन लौटने के लिए बेताब है। ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक शमीमा यह बात जानती है कि अगर वह आतंकवाद के मामले में दोषी पाई गई तो उसे मौत की सजा मिलेगी। वह बहुत डरी हुई और चिंतित है। उसे ऐसा लग रहा है कि आतंकवाद अपराधों में शामिल अन्य आरोपी महिलाओं के साथ उसका मुकदमा चलाया जाएगा।

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मुझे बहकाया गया था

शमीमा के मुकदमे की कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन उसे बताया गया है कि सितंबर और अक्टूबर में उसके मुकदमे की सुनवाई होगी। रोजवा के अधिकारी मृत्युदंड की वकालत नहीं कर रहे, लेकिन वह ये मानते हैं कि जिहादी दुल्हन सजा से नहीं बच सकेगी। पिछले साल एक इंटरव्यू में शमीमा ने कहा था कि मेरी गलती सिर्फ इतनी है कि मैंने ब्रिटेन छोड़ दिया था, मैं तब 15 साल की थी और मुझे बहका दिया गया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘उसे बताया गया है कि रोजवा में मुकदमा चलाया जाएगा, शायद आतंकवादी अपराधों की आरोपी महिलाओं के समूह में से एक के रूप में। उसे अभी तक कोई तारीख नहीं दी गई है, लेकिन बताया गया है कि, ट्रायल सितंबर या अक्टूबर के आसपास होगी’। रिपोर्ट के मुताबिक, उसे बुरी तरह से डरा हुआ देखकर अधिकारियों ने उसे समझाने की कोशिश की, कि उसके लिए मौत की सजा की वकालत नहीं की जाएगी, लेकिन अधिकारी उसे समझाने में नाकामयाब रहे।