Latest News on government employees : नई दिल्ली। भारत का पड़ोसी देश पकिस्तान इन दिनों आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है। इस बीच खबर मिल रही है कि पकिस्तान में सरकारी कर्मचारी अब नई कार नहीं खरीद पाएंगे। बढ़ते राजकोषीय घाटे को कम और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज पाने के लिए पकिस्तान सरकार ने अमीरों पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा की है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
दरअसल, पकिस्तान सरकार ने आर्थिक मंदी को देखते हुए पकिस्तान सरकार ने अमीरों पर टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के नई कार खरीदने पर पाबंदी रहेगी। बता दें पकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बता दें वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने जानकारी दी की पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 10 अरब डॉलर से कम रह गया है। इससे केवल 45 दिन के आयात का भुगतान किया जा सकता है। ऐसे में देश की 22 करोड़ आबादी के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने आज 2022-23 का बजट पेश करने के दौरान कहा कि देश को इस स्थिति से निकालने के लिए अमीरों पर टैक्स बढ़ाया जाएगा। साथ ही कारों के आयात पर बैन लगाया जाएगा और सरकारी अधिकारी नई कार नहीं खरीदेंगे। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह तत्काल साफ नहीं हो पाया है कि यह पाबंदी सरकार वाहनों की खरीद पर रहेगी या पर्सनल यूज वाली कारों पर। इस्माइल ने कहा कि हमने कड़े फैसले लेने शुरू कर दए हैं लेकिन अभी तो यह शुरुआत है।
मिली जानकारी के अनुसार IMF ने पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज देने के लिए कड़ी शर्तें रखी हैं। इनमें फिस्कल और करेंट अकाउंट के घाटे की समस्या को दूर करना शामिल है। इस्माइल ने कहा कि सरकार टैक्स की चोरी पर रोक लगाएगी जिससे 2022-23 में रेवेन्यू में सात लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। सरकार के इस फैसले से घाटे को पाटने में सहायता मिलेगी। पकिस्तान की सरकार ने 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य GDP का 4.9 फीसदी रखा है जो मौजूदा वित्त वर्ष में 8.6 फीसदी है। इसके अलावा सरकार ने प्राइवेटाइजेशन से 96 अरब रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक IMF की शर्तों में पेट्रोल-डीजल पर सब्सिडी खत्म करना शामिल है। पकिस्तान सरकार इसे लागू कर चुकी है। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत में 40 फीसदी की तेजी आई है। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने 2022-23 में पांच फीसदी इकनॉमिक ग्रोथ का लक्ष्य रखा है जो 30 जून को खत्म हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष में 5.97 फीसदी था।
बता दें पकिस्तान का वित्त वर्ष जुलाई से शुरू होता है। इसके अनुसार सरकार ने जुलाई से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में 9.5 लाख करोड़ रुपये के कुल खर्च का लक्ष्य रखा है। इस्माइल ने उम्मीद जताई कि 2022-23 में औसत महंगाई 11.5 फीसदी के आसपास रहेगी।