Compulsory Retirement Teachers:’हिंदू हैं ये, इन्हें नौकरी से निकालो’ सरकारी कर्मचारियों से जबर्दस्ती मांगा गया इस्तीफा, मचा हड़कंप

Compulsory Retirement Teachers:'हिंदू हैं ये, इन्हें नौकर से निकालो' सरकारी कर्मचारियों से जबर्दस्ती मांगा गया इस्तीफा, मचा हड़कंप

Compulsory Retirement Teachers:’हिंदू हैं ये, इन्हें नौकरी से निकालो’ सरकारी कर्मचारियों से जबर्दस्ती मांगा गया इस्तीफा, मचा हड़कंप

Assistant Professor Latest Bharti

Modified Date: September 2, 2024 / 10:50 am IST
Published Date: September 2, 2024 10:43 am IST

ढाका: Compulsory Retirement Teachers देश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से हिंदुओं के अत्याचार के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी रोजाना हिदुओं के साथ हो रहे अत्याचार के वीडियो वायरल हो रहे हैं। लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि यहां के सरकारी विभागों में कार्यरत हिंदू कर्मचारियों के साथ अभी अत्याचार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि स्कूलों में तैनात हिंदू शिक्षकों को जबरन नौकरी से निकाल दिया गया है। उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया गया है।

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Compulsory Retirement Teachers मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेश के स्कूलों में तैनात 49 शिक्षकों से इस्तीफा मांग लिया गया है। बताया जा रहा है कि इनका सिर्फ दोष इतना था कि ये सभी सरकारी कर्मचारी हिंदू थे। मामले का खुलासा तब हुआ जब बांग्लादेश छात्र ओइक्या परिषद ने जटिया प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने बात रखी।

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संगठन के समन्वयक साजिब सरकार ने कहा कि हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के ढहने के बाद से धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक हिंसा का शिकार हो रहे हैं। बता दें कि बांग्लादेश छात्र ओइक्या परिषद बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद की छात्र इकाई है। साजिब सरकार ने कहा कि हिंसा में हिंदुओं पर हमले, लूटपाट, महिलाओं पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर आगजनी और यहां तक ​​कि हत्याएं भी शामिल हैं। देशभर में अल्पसंख्यक शिक्षकों को शारीरिक प्रताड़ना का भी सामना करना पड़ा है। इस वजह से 30 अगस्त तक 49 शिक्षकों को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि 19 शिक्षकों को बहाल कर दिया गया है।

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