हिंसक प्रदर्शनों के बीच इमरान आठ दिन की रिमांड में;अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित किया
हिंसक प्रदर्शनों के बीच इमरान आठ दिन की रिमांड में;अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित किया
(सज्जाद हुसैन एवं एम जुल्करनैन)
इस्लामाबाद/लाहौर, 10 मई (भाषा) पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शनों के बीच, एक विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बुधवार को आठ दिन के लिए भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी की रिमांड में भेज दिया, जबकि एक सत्र अदालत ने भ्रष्टाचार के एक अलग मामले में उन्हें आरोपित किया।
इमरान की गिरफ्तारी के विरोध में लगातार दूसरे दिन, देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और तीन प्रांतों में सेना तैनात करनी पड़ गई।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के आदेश पर मंगलवार को अर्द्धसैनिक बल ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के एक कक्ष में घुस कर खान (70) को हिरासत में ले लिया था।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष को बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच यहां न्यायाधीश मुहम्मद बशीर की अध्यक्षता वाली जवाबदेही अदालत संख्या-1 में पेश किया गया।
न्यायाधीश बशीर ने ही पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरयम को लंदन में संपत्ति रखने से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी करार दिया था। हालांकि, मरयम को बाद में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मामले में आरोपमुक्त कर दिया, जबकि शरीफ का मामला अब भी लंबित है।
न्यायाधीश बशीर ने अभियोजन और खान की ओर से पेश हुए वकीलों की दलीलें सुनने के बाद शुरुआत में फैसला सुरक्षित रख लिया था। बाद में, फैसले की घोषणा करते हुए, जवाबदेही अदालत ने खान को आठ दिन के लिए ब्यूरो की रिमांड में भेज दिया।
सुनवाई की शुरुआत में, ब्यूरो के वकीलों ने अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े मामले में उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए 14 दिन की रिमांड में देने का अदालत से अनुरोध किया। उन पर सरकारी खजाने से 50 अरब पाकिस्तानी रुपये की लूट-खसोट करने का आरोप है।
खान के वकील ने हालांकि याचिका का विरोध किया और आरोपों को गढ़ा हुआ बताते हुए उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, खान ने अपने बयान में अदालत को बताया कि उनकी जान को खतरा है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान, मैं शौचालय नहीं जा सका हूं।’’
पूर्व प्रधानमंत्री ने अदालत से अनुरोध किया कि उनके डॉक्टर फैसल सुल्तान को उनसे मिलने की अनुमति दी जाए।
खान ने कहा, ‘‘मुझे डर है कि मेरा भी मकसूद चपरासी जैसा हश्र किया जाएगा।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के धन शोधन मामले के एक गवाह का जिक्र करते हुए यह कहा। पिछले साल दिल का दौरा पड़ने से मकसूद की मौत हो गई थी। खान की पार्टी ने गवाह की मौत को ‘रहस्यमय’ बताया था।
खान को जिला एवं सत्र अदालत में भी पेश किया गया, जहां न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने उन्हें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में आरोपित किया।
खान, प्रधानमंत्री रहने के दौरान तोशाखाना से एक महंगी घड़ी सहित अन्य तोहफे खरीदने और लाभ हासिल करने के लिए उन्हें बेचने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। यह मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने दायर किया था और खान पिछले महीनों में कई सुनवाई में पेश नहीं हुए थे।
इस बीच, बुधवार को खान की पार्टी ने उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने संबंधी इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मंगलवार के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की।
डान अखबार की खबर के मुताबिक, ‘‘अधिवक्ता अली जफर और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेता फवाद चौधरी ने इमरान खान के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए एक उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दायर की है।’’
उच्च न्यायालय ने मंगलवार रात, खान की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि उनकी गिरफ्तारी के लिए ब्यूरो ने सभी कानूनी औ़पचारिकताएं पूरी की।
इस्लामाबाद के सेक्टर एच-11/1 इलाके में स्थित पुलिस लाइन मुख्यालय परिसर के न्यू पुलिस गेस्ट हाउस को इमरान के खिलाफ दो मामलों की सुनवाई के मकसद से विशेष अदालत परिसर घोषित किया गया था।
सूत्रों के हवाले से जियो न्यूज की खबर में कहा गया है कि ब्यूरो को सौंपी गई एक मेडिकल रिपोर्ट से प्रदर्शित होता है कि खान को स्वस्थ घोषित किया गया है और उन्होंने उनकी जांच करने वाले चिकित्सकों से स्वास्थ्य संबंधी कोई शिकायत नहीं की है।
सुनवाई स्थल पर इमरान की पार्टी के किसी नेता, कार्यकर्ता या समर्थक को प्रवेश नहीं करने दिया गया और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री से नहीं मिलने दिया गया।
जिन लोगों को वहां प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई उनमें पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी और महासचिव असद उमर भी शामिल हैं। इसके बाद, वे दोनों पुलिस के इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय गये।
हालांकि, कोई कानूनी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही इस्लामाबाद पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते ने असद को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि खान की गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी के प्रदर्शनों में हिंसा को लेकर पुलिस ने उनके (उमर के) खिलाफ दो नये मामले दर्ज किये हैं।
बाद में, मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि कुरैशी और पंजाब के पूर्व राज्यपाल सरफराज चीमा को भी गिरफ्तार किया गया है।
कुरैशी ने एक वीडियो संदेश में पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं से देशभर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की।
इस बीच, पाकिस्तानी सेना ने अपने प्रतिष्ठानों पर हमले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों को “ कड़ा जवाब” देने की चेतावनी दी और कहा कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। साथ ही, नौ मई को देश के इतिहास का ‘काला अध्याय’ करार दिया।
खान के समर्थकों ने मंगलवार को सेना के जनरल मुख्यालय और कई अन्य सैन्य संपत्तियों और प्रतिष्ठानों पर धावा बोल दिया। उन्होंने सैन्य वाहनों और प्रतिष्ठानों पर हमला किया और लाहौर कोर कमांडर के आवास में आग लगा दी।
देश के विभिन्न हिस्सों में खान के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पों में पिछले 24 घंटों में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है और लगभग 300 अन्य घायल हो गए हैं।
कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत में सेना तैना की गई है।
पंजाब पुलिस ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों ने 14 सरकारी प्रतिष्ठानों/इमारतों और पुलिस के 21 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों के 130 से अधिकारी घायल हुए हैं। पुलिस ने 1,000 से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।’’
रेडियो पाकिस्तान, पेशावर के महानिदेशक ने ताहिर हसन ने संवाददाताओं को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सरकार संचालित इस सार्वजनिक प्रसारणकर्ता के भवन को आग के हवाले कर दिया,जिसे स्टूडियो और सभागार को नुकसान पहुंचा।
भवन में स्थित सरकार संचालित ‘एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान’ के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई।
इस्लामाबाद में, प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़पें हुईं और राष्ट्रीय राजधानी को इसके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ने वाले श्रीनगर राजमार्ग पर यातायात कई घंटे अवरूद्ध रहा।
सिंध प्रांत में सरकार को स्थिति पर काबू पाने के लिए धारा 144 लगानी पड़ी। करीब 270 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने कहा है कि पूरे देश में इंटरनेट सेवा निलंबित रहेगी। इसने इस बात की पुष्टि की है कि गृह मंत्रालय के निर्देशों पर मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवा ‘ब्लॉक’ करने का फैसला किया गया।
भाषा सुभाष पवनेश
पवनेश

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