भारत यदि पाक का पानी रोक भी दे तो भी उसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी: पाक शोधार्थी

भारत यदि पाक का पानी रोक भी दे तो भी उसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी: पाक शोधार्थी

भारत यदि पाक का पानी रोक भी दे तो भी उसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी: पाक शोधार्थी
Modified Date: May 25, 2025 / 10:38 pm IST
Published Date: May 25, 2025 10:38 pm IST

कराची, 25 मार्च (भाषा) पाकिस्तान-भारत संघर्ष पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी शोधार्थी मोहम्मद उस्मान ने कहा कि यदि भारत सिंधु जल संधि के तहत जल के प्रवाह को रोक भी देता है, तो इसके लिए उसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी, जिसके निर्माण में वर्षों लगेंगे और अरबों अमेरिकी डॉलर भी खर्च होंगे।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से तब तक स्थगित रखने का निर्णय लिया था, जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद को अपना समर्थन देना विश्वसनीय रूप से बंद नहीं कर देता।

इस आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे।

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पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स (पीआईआईए) द्वारा आयोजित संगोष्ठी में पाकिस्तान-भारत संघर्ष पर शोध पत्र पढ़े गए। शोधार्थी मोहम्मद उस्मान ने कहा कि अगर भारत, पाकिस्तान की ओर पानी का प्रवाह रोक देता है, तो उसके अपने ऊपरी इलाकों में बाढ़ आने का खतरा पैदा हो जाएगा।

उस्मान ने कहा, ‘‘लेकिन अगर उन्होंने शुष्क मौसम के दौरान हमारा पानी रोक दिया, तो यह हमारे लिए चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि पानी का प्रवाह कम होता है और भंडारण सबसे अधिक मायने रखता है। यह हमारे किसानों को प्रभावित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कम पैदावार हो सकती है।’’

शोधार्थी ने कहा कि अगर भारत पानी रोक भी देता है, तो इसके लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी, जिसके निर्माण में कई साल लगेंगे और अरबों अमेरिकी डॉलर भी खर्च होंगे।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के मामले में पाकिस्तान निचले प्रवाह क्षेत्र वाला देश है और भारत ऊपरी प्रवाह क्षेत्र वाला देश है। लेकिन चीन और भारत के मामले में, चीन ऊपरी प्रवाह क्षेत्र वाला देश है जबकि भारत निचले प्रवाह क्षेत्र वाला देश है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह ब्रह्मपुत्र के मामले में विशेष रूप से सही है, जहां चीन भारत का पानी भी रोक सकता है।’’

भाषा सुभाष धीरज

धीरज


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