Donald Trump/ Image Credit: IBC24 File
नई दिल्ली: Donald Trump On Harvard University: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच चल रहा तनाव लगातार बढ़ते जा रहा है। बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है और इस फैसले को जानने के बाद हर कोई हैरान है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, ट्रंप सरकार ने हावर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक लगा दी है। ट्रंप सरकार के इस फैसले से भारत और दुनिया के अन्य देशों के छात्रों की दिक्कत बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि, इस साल 788 भारतीय छात्रों ने हावर्ड में एडमिशन लिया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को जो पत्र भेजा है उसके हवाले से यह खबर दी गई है।नोएम ने अपने पत्र में लिखा कि, ”मैं आपको यह सूचित करने के लिए लिख रही हूं कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्र और शैक्षणिक आदान-प्रदान के प्रवेश कार्यक्रम का प्रमाणन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।’
Donald Trump On Harvard University: आपको बता दें कि, हावर्ड यूनिवर्सिटी के ऑफिशियल रिकॉर्ड के हर साल 500 से 800 भारतीय छात्र हावर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेते हैं। इतना ही नहीं दुनियाभर से करीब 6800 छात्र हर साल पढ़ाई करने के लिए हावर्ड आते हैं। वहीं इस साल 788 भारतीय छात्रों ने हावर्ड में एडमिशन लिया था। ट्रंप सरकार के फैसले के बाद भारतीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। विदेशी छात्रों से कहा गया है कि वे या तो किसी दूसरे संस्थान में दाखिला लें और या फिर अपना अमेरिका में लीगल स्टेटस गंवा दें। इसका मतलब ये है कि, भारतीय छात्रों के पास दूसरे संस्थान में दाखिले का विकल्प मौजूद रहेगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो यूएस छोड़ना पड़ सकता है।
वहीं, हावर्ड यूनिवर्सिटी में अपना मौजूदा सेमेस्टर पूरा कर चुके छात्रों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। जो छात्र मौजूदा सेमेस्टर पूरा कर चुके हैं वो अपना ग्रेजुएशन पूरा कर सकेंगे। आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम ने अपने पत्र में इसका जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि ट्रंप सरकार ने जो बदलाव किया है, वह 2025-26 के स्कूल ईयर से लागू होगा।
Donald Trump On Harvard University: ट्रंप सरकार और हावर्ड के बीच नाव बढ़ने की वजह ये है कि, ट्रंप सरकार हावर्ड को अपने हिसाब से संचालित करना चाहती है, लेकिन यूनवर्सिटी इसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है। हार्वर्ड पर आरोप लगा था कि वे यहूदियों के खिलाफ नफरत को रोकने में नाकाम रहे हैं। प्रशासन की तरफ से आरोप लगा था कि यहूदी छात्रों और प्रोफेसरों के खिलाफ भेदभाव होता है। अब ट्रंप सरकार का विदेशी छात्रों को लेकर लिया गया फैसला, यूनिवर्सिटी पर दबाव बढ़ाने के नजरिए से देखा जा रहा है।