शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भारत के प्रयास तथा प्रगति अनुकरणीय: संयुक्त राष्ट्र

शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भारत के प्रयास तथा प्रगति अनुकरणीय: संयुक्त राष्ट्र

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  • Publish Date - March 27, 2025 / 09:32 AM IST,
    Updated On - March 27, 2025 / 09:32 AM IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 27 मार्च (भाषा) विश्व निकाय ने ‘आयुष्मान भारत’ जैसी स्वास्थ्य पहलों का उदाहरण देते हुए शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भारत के प्रयासों और प्रगति की सराहना की तथा इसे ‘अनुकरणीय’ बताया।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि देश ने अपनी स्वास्थ्य प्रणाली में रणनीतिक निवेश के माध्यम से लाखों लोगों का जीवन बचाया है।

मंगलवार को जारी संयुक्त राष्ट्र के एक समूह की शिशु मृत्यु दर आकलन रिपोर्ट में भारत, नेपाल, सेनेगल, घाना और बुरुंडी का उदाहरण दिया गया तथा शिशु मृत्यु दर रोकने में हुई प्रगति में अहम भूमिका निभाने वाली विभिन्न रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया है।

रिपोर्ट में कहा गया कि इन देशों ने दिखाया है कि ‘‘राजनीतिक इच्छाशक्ति, साक्ष्य-आधारित रणनीतियों और निरंतर निवेश से मृत्यु दर में पर्याप्त कमी लाई जा सकती है।

भारत के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि देश ने स्वास्थ्य प्रणाली में निवेश के माध्यम से स्थिति को बेहतर किया है।

इसमें कहा गया कि ‘‘अपनी स्वास्थ्य प्रणाली में रणनीतिक निवेश के माध्यम से भारत पहले ही लाखों लोगों का जीवन बचा चुका है और लाखों अन्य लोगों के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त किया है।’’

रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि वर्ष 2000 से भारत ने पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 70 प्रतिशत की कमी तथा नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में 61 प्रतिशत की कमी हासिल की है।

इसमें कहा गया, ‘‘स्वास्थ्य कवरेज बढ़ाने, मौजूदा स्थिति को सुधारने और स्वास्थ्य अवसंरचना तथा मानव संसाधन विकसित करने के लिए किए गए उपायों के कारण ऐसा संभव हुआ है।’’

इसमें आयुष्मान भारत का उदाहरण दिया गया है। आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो प्रति वर्ष प्रति परिवार को लगभग 5,500 अमेरिकी डॉलर की वार्षिक कवरेज प्रदान करती है।

भाषा खारी नेत्रपाल

नेत्रपाल