ढाका, 19 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को अपने नागरिकों से ‘कुछ असामाजिक तत्वों’ द्वारा की गयी हिंसा से दूर रहने का आह्वान किया है।
इससे पहले हाल में यहां नकाबपोश बंदूकधारियों द्वारा गोली मारे जाने के छह दिन बाद एक प्रमुख युवा नेता की मौत हो गयी थी। जुलाई में सरकार के विरूद्ध हुई हिंसक प्रदर्शनों में यह एक प्रमुख नेता था।
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने एक बयान में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर कर दी गयी हत्या की भी कड़ी निंदा की। उसने कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। उसने कहा,‘‘इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’’
‘बांग्ला ट्रिब्यून’ समाचार पोर्टल ने खबर दी है कि मेमनसिंह शहर में बृहस्पतिवार को कथित ईशनिंदा के आरोप में दीपूचंद्र दास नामक एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और उसके शव को आग लगा दी गई।
मुख्य सलाहकार की प्रेस शाखा द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘‘हम हिंसा, धमकी, आगजनी और संपत्ति को नष्ट करने के सभी कृत्यों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘इस नाजुक घड़ी में, हम हर नागरिक से हिंसा, उकसावे और नफरत को अस्वीकार करके और उनका विरोध करके हादी (जुलाई के विद्रोह का एक प्रमुख नेता) का सम्मान करने का आह्वान करते हैं।’’
हालांकि आज हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई, लेकिन बृहस्पतिवार रात प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक पिता शेख मुजीबुर रहमान के आवास, 32 धानमंडी की पहले से ही ध्वस्त इमारत में तोड़फोड़ की और ढाका में दो प्रमुख मीडिया संस्थानों के कार्यालयों पर हमला किया।
प्रदर्शनकारियों ने चट्टगांव में सहायक भारतीय उच्चायुक्त के आवास पर ईंट और पत्थर भी फेंके, लेकिन वे कोई नुकसान पहुंचाने में असफल रहे। पुलिस ने आंसू गैस छोड़कर और लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया एवं 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
बयान में कहा गया, ‘‘यह हमारे राष्ट्र के इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षण है जब हम एक ऐतिहासिक लोकतांत्रिक परिवर्तन से गुजर रहे हैं। हम कुछ उन लोगों को इसे पटरी से उतारने नहीं दे सकते जो अराजकता पर पनपते हैं और शांति को नकारते हैं। हमें ऐसा करने भी नहीं देना चाहिए। ’’
अंतरिम सरकार ने बृहस्पतिवार रात मीडिया संस्थानों पर हुए हमले की भी निंदा की।
उसने कहा कि मीडिया संस्थानों पर हमला ‘स्वतंत्र मीडिया पर हमले के समान है’। उस यह भी कहा कि इस घटना ने देश की लोकतांत्रिक प्रगति और स्वतंत्र पत्रकारिता के मार्ग में एक बड़ी बाधा उत्पन्न कर दी है।
अंतरिम सरकार ने कहा, ‘‘डेली स्टार, प्रोथोम आलो और न्यू एज के पत्रकारो। हम आपके साथ खड़े हैं। आप के साथ किये गये आतंकी कृत्य और हिंसा के लिए हमें गहरा खेद है। राष्ट्र ने आतंक के सामने आपके साहस और सहनशीलता को देखा है। पत्रकारों पर हमले स्वयं सत्य पर हमले हैं। हम आपको पूर्ण न्याय दिलाने का वादा करते हैं।’’
उसने कहा कि आगामी चुनाव और जनमत संग्रह महज राजनीतिक कवायद नहीं हैं, बल्कि ‘‘एक गंभीर राष्ट्रीय प्रतिबद्धता हैं।’’
अगले साल 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में उम्मीदवार हादी की छह दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। हादी पिछले साल के उन विरोध प्रदर्शनों के प्रमुख नेताओं में से एक थे, जिन्हें जुलाई विद्रोह का नाम दिया गया था । इस विद्रोह के चलते शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से अपदस्थ हो गयी थी।
भाषा राजकुमार माधव
माधव