ईरानी प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले पर खुफिया अधिकारी कांग्रेस को देंगे जानकारी

ईरानी प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले पर खुफिया अधिकारी कांग्रेस को देंगे जानकारी

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  • Publish Date - June 24, 2025 / 08:39 PM IST,
    Updated On - June 24, 2025 / 08:39 PM IST

वाशिंगटन, 24 जून (एपी) ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने से जुड़ी जानकारी देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के शीर्ष खुफिया अधिकारी अमेरिकी संसद के सदस्यों के समक्ष पेश होंगे और गोपनीय जानकारी सहित वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे।

ट्रंप प्रशासन के खुफिया अधिकारी कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को ईरान द्वारा निशाना बनाए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को कांग्रेस सदस्यों के सवालों का सामना करेंगे।

यह घटनाक्रम उस दिन होगा जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इजराइल और ईरान के युद्धविराम पर सहमत होने की घोषणा करते हुए कहा कि इ्स संघर्ष का ‘‘आधिकारिक अंत’’ होगा। यह अस्थायी युद्धविराम मंगलवार को कुछ समय के लिए बाधित भी हुआ जब इजराइल ने ईरान पर अपने हवाई क्षेत्र में मिसाइल दागने का आरोप लगाया, लेकिन बाद में ट्रंप ने घोषणा की कि युद्ध विराम ‘‘प्रभावी’’ है।

अमेरिकी संसद ‘कांग्रेस’ में डेमोक्रेट सदस्यों के साथ कुछ रिपब्लिकन सदस्य भी सैन्य कार्रवाई शुरू करने के ट्रंप के एकतरफा फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। उनकी दलील है कि राष्ट्रपति को ऐसा करने से पहले कांग्रेस की मंजूरी लेनी चाहिए थी या कम से कम हमलों के लिए अधिक औचित्य स्पष्ट करना चाहिए था।

कांग्रेस के निचले सदन ‘हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव’ में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हकीम जेफ्रीस ने कहा, ‘‘हम उनसे अमेरिकी लोगों को यह बताने की अपेक्षा करते हैं कि ईरान की परमाणु शक्ति बनने की क्षमता को नाकाम करने के संदर्भ में वास्तव में क्या परिणाम हुए और पश्चिम एशिया में एक और संभावित विनाशकारी युद्ध से बचने के लिए ट्रंप प्रशासन की क्या योजनाएं हैं, जहां हजारों अमेरिकी लोगों की जान संभावित रूप से जोखिम में है।’’

हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव और उच्च सदन सीनेट के लिए अलग-अलग ब्रीफिंग का नेतृत्व सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड करेंगी। इसके साथ ही संयुक्त सेना प्रमुख जनरल डैन केन और विदेश उपमंत्री क्रिस्टोफर लैंडौ एवं स्टीव फेनबर्ग भी इसमें शामिल होंगे।

यह ब्रीफिंग विवादास्पद हो सकती है, क्योंकि कई सांसदों का मानना ​​है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि हमलों के पीछे क्या कारण था।

एपी धीरज प्रेम

प्रेम