ईरान हेलीकॉप्टर दुर्घटना : राष्ट्रपति, विदेश मंत्री व अन्य को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारियां पूरी

ईरान हेलीकॉप्टर दुर्घटना : राष्ट्रपति, विदेश मंत्री व अन्य को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारियां पूरी

  •  
  • Publish Date - May 23, 2024 / 03:08 PM IST,
    Updated On - May 23, 2024 / 03:08 PM IST

दुबई, 23 मई (एपी) ईरान ने दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को देश में शिया मुसलमानों के सबसे प्रसिद्ध स्थल पर सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारियां बृहस्पितवार को पूरी कर ली। रविवार को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में रईसी की मौत हो गयी थी।

राष्ट्रपति रईसी को मशहद स्थित इमाम रजा दरगाह में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। रईसी के दुर्घटना में मारे जाने के बाद ईरान के ज्यादातर हिस्सों में जुलूस निकाले गये थे। दुर्घटना में देश के विदेश मंत्री और छह अन्य लोग भी मारे गये थे।

हालांकि इनके जनाजे में उतनी भीड़ शामिल नहीं हुई, जितनी 2020 में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद के जनाजे में थी।

इसके पीछे रईसी को लेकर लोगों की भावनाएं एक संभावित संकेत हो सकती है। रईसी सरकार ने 2022 में महसा अमीनी की मौत को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान सख्त कार्रवाई की थी, जिसे लेकर लोगों में गुस्सा था।

अमीनी को ईरान की महिलाओं के लिए अनिवार्य हिजाब कथित तौर पर नहीं पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था।

उस कार्रवाई के साथ-साथ ईरान की संघर्षरत अर्थव्यवस्था का सरकारी टेलीविजन और समाचार पत्रों द्वारा किये जा रहे कवरेज में कोई उल्लेख नहीं किया गया। इतना ही नहीं ईरान-इराक युद्ध के अंत में करीब पांच हजार असंतुष्ट लोगों की सामूहिक हत्या में रईसी के शामिल होने पर भी कभी चर्चा नहीं की गई।

प्राधिकारियों ने रईसी के निधन पर खुशी जाहिर करने के लिए किसी भी तरह के सार्वजनिक संकेतों का इस्तेमाल करने को लेकर लोगों को चेतावनी दी है और दुर्घटना के बाद से तेहरान में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।

अफगान सीमा से सटे ईरान के दक्षिण खुरासान प्रांत में रईसी के गृहनगर बिरजंद शहर के मुख्य मार्ग पर बृहस्पतिवार सुबह हजारों की तादाद में लोग काले कपड़े पहने नजर आए। सड़क पर एक वाहन में उनका ताबूत रखा हुआ था और शोक में डूबे लोग ताबूत को छूने के लिए आगे रहे थे और श्रद्धांजलि दे रहे थे।

रईसी को बाद में इमाम रजा दरगाह में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा, जहां शियाओं के आठवें इमाम को सपुर्द-ए-खाक किया गया था। यह क्षेत्र लंबे अरसे से शिया मुसलमानों का धार्मिक स्थल रहा है।

भाषा जितेंद्र सुरेश

सुरेश