(तस्वीरों के साथ)
कोलंबो/नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) चक्रवात दित्वा के बाद पुनर्निर्माण कार्य शुरू होने के उपलक्ष्य में विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को कोलंबो पहुंचे, जहां वे श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करेंगे।
जयशंकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष दूत के रूप में श्रीलंका की यात्रा पर हैं।
विदेश मंत्रालय ने नयी दिल्ली में कहा, “यह दौरा भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को रेखांकित करता है और चक्रवात दित्वा से हुई तबाही से निपटने के लिए शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सागरबंधु’ के संदर्भ में हो रहा है।”
नवंबर के अंत में द्वीपीय देश में आए चक्रवात ने 640 से अधिक लोगों की जान ले ली और फसलों, चाय बागानों और सड़कों और पुलों सहित महत्वपूर्ण परिवहन बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया।
भारत ने श्रीलंका को संकट से निपटने में मदद करने के लिए ऑपरेशन सागरबंधु शुरू किया था। मंगलवार को जयशंकर श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे।
विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा, “आज शाम कोलंबो पहुंचा। पर्यटन उप मंत्री रुवान रणसिंघे के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद। कल श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ होने वाली बैठकों के लिए उत्सुक हूं।”
‘सागर बंधु’ अभियान के 28 नवंबर को शुरू होने के बाद से, भारत ने श्रीलंका को 1,134 टन से अधिक मानवीय सहायता प्रदान की है, जिसमें सूखा राशन, तंबू, तिरपाल, स्वच्छता किट, कपड़े, जल शोधन प्रणाली और 14.5 टन दवाएं और शल्य चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।
भारतीय नौसेना के जहाजों आईएनएस विक्रांत, आईएनएस उदयगिरि, आईएनएस सुकन्या, आईएनएस घड़ियाल और भारतीय तटरक्षक पोत शौर्य ने कोलंबो और त्रिंकोमाली में बड़ी मात्रा में राहत सामग्री पहुंचाई।
भाषा प्रशांत माधव
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