बांग्लादेश: अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को रोकने में सरकार की विफलता को लेकर किया गया प्रदर्शन

बांग्लादेश: अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को रोकने में सरकार की विफलता को लेकर किया गया प्रदर्शन

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 08:41 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 08:41 PM IST

ढाका, 22 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को रोकने में अंतरिम सरकार के विफल रहने को लेकर सोमवार को यहां प्रदर्शन किया गया।

इस बीच, अधिकारियों ने एक हिंदू व्यक्ति की पीटकर हत्या, मीडिया कार्यालयों पर हमलों और एक भारतीय राजनयिक मिशन के पास हुई हिंसक घटनाओं से जुड़े 21 संदिग्धों की गिरफ्तारी की घोषणा की।

हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक संगठनों के नेताओं ने सोमवार को ढाका में दीपू चंद्र दास की पीटकर हत्या किये जाने के विरोध में एक मानव श्रृंखला बनाई और कहा कि अंतरिम सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा, हत्याओं और उत्पीड़न को रोकने में विफल रही है।

मयमनसिंह शहर के मध्य में स्थित एक कपड़ा कारखाने में काम करने वाले दास को बृहस्पतिवार को भीड़ ने कारखाने से बाहर घसीटकर मार डाला था। बाद में शव को आग के हवाले कर दिया गया था।

घटना को लेकर कारखाने के श्रमिकों, छात्रों और मानवाधिकार समूहों द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शन किये गए, वहीं भारत ने भी चिंता व्यक्त की।

अल्पसंख्यक एकता मोर्चा के संयुक्त समन्वयक मनिंद्र कुमार नाथ ने जातीय प्रेस क्लब के सामने प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘वह (मुहम्मद यूनुस) दावा करते हैं कि वे एक मानवीय बांग्लादेश का निर्माण करेंगे, लेकिन वास्तविकता में, वह एक अमानवीय मुख्य सलाहकार हैं।’

पिछले साल अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हुई कई घटनाओं से वहां की हिंदू आबादी प्रभावित हुई है।

इसी बीच, दास की पीटकर हत्या किये जाने के सिलसिले में 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। बाद में, पुलिस ने दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया।

पुलिस मुख्यालय के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि दास की हत्या के संबंध में जांच जारी रहने के कारण 12 लोग फिलहाल जेल या हिरासत में हैं।

अंतरिम सरकार के प्रमुख के कार्यालय ने सोमवार को कहा कि राजधानी में प्रोथोम आलो और डेली स्टार समाचार पत्रों और प्रतिष्ठित सांस्कृतिक समूहों छायानात और उदिची शिल्पी गोष्ठी पर हुए हिंसक हमले के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

बांग्लादेश में आगामी आम चुनावों से पहले लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण दौर चल रहा है, ऐसे में सरकार ने संयम, जिम्मेदारी और एकता का आह्वान किया है।

सरकार की प्रेस इकाई ने एक बयान में कहा, ‘पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने मुख्य सलाहकार को सूचित किया है कि उन्होंने वीडियो फुटेज का विश्लेषण करके इन घटनाओं के 31 संदिग्ध अपराधियों की पहचान की है।’

इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि वीडियो फुटेज के विश्लेषण से तीन ऐसे लोगों का पता चला है जिन्होंने दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में भारत के सहायक उच्चायुक्त के आवास के सामने ‘अशांति फैलाने की कोशिश’ की थी।

भाषा तान्या सुभाष

सुभाष